हरदोई में बिजली चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले साल बिजली चोरी में 2,181 बिजली चोरी के मुकदमे लिखे गए थे। इस साल शुरुआत में ही बिजली चोरी करने पर 435 लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। ऐसे ही अभियान चलता रहा तो पूरे साल में लगभग 5 हजार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
विभाग ने विभिन्न अभियानों के माध्यम से बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए छापेमारी की। जनवरी में अभी तक विभाग ने मास रेड अभियान के दौरान एक हजार से अधिक जगह छापेमारी की, जिसमें 435 बिजली चोरों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पिछले साल लिखे गए 2,181 मुकदमों में 556 मुकदमों का डिस्पोजल हो गया है। पावर हाउस में बने थाने में मात्र 3 विवेचक ही तैनात हैं, इसलिए मुकदमा डिस्पोजल करने में समय लग रहा है। क्योंकि मुकदमा लिखने के बाद विवेचक को मौके पर नक्शा बनाने जाना पड़ता है।
उसके बाद नोटिस देकर समन शुल्क जमा करने के लिए निर्देश दिया जाता है। जो समन शुल्क जमा कर देते हैं, उनका मुकदमा डिस्पोज कर दिया जाता है। अन्यथा चार्जशीट लगा दी जाती है। बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी हुई है। जुर्माना और शमन शुल्क जमा करने वाले की भीड़ कार्यालयों में लग रही है। पावर हाउस में बने पावर थेप्ट थानाध्यक्ष अरविंद कुमार राय ने बताया थाने में स्टॉफ की कमी है। मेरे पास केवल दो सब इंस्पेक्टर हैं। जो आधा-आधा जिला कवर करते हैं। बाकी मैं खुद भी विवेचना करता हूँ। जल्द ही अभियान चलाकर विवेचनाएं ख़त्म की जाएंगी।
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