भारत निर्वाचन आयोग के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में 7 नवम्बर से मतदाता पुनरीक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है। मतदान केंद्रों पर बीएलओ को तैनात किया गया है, ताकि नए मतदाता जो 1 जनवरी 2022 को 18 वर्ष के हो रहे हैं, उनका वोटर कार्ड बनाया जा सके। मतदाता पहचान पत्र में संशोधन और वोटों का निरस्तीकरण आदि करने का दावा निर्वाचन अधिकारियों की तरफ से किया गया था।
निरीक्षण में पाई गई कई कमियां
मामले को लेकर हरदोई के मतदान केंद्रों में जमीनी हकीकत को परखा गया। वार्ड नम्बर-21 के अधिकतर वोट नार्मल स्कूल मतदान केंद्र में पड़ते हैं। जहां 5 मतदेय स्थल हैं। यहां 5 बीएलओ की तैनाती भी की गई है, लेकिन इनसे जब फार्म 8 त्रुटि संशोधित मांगा गया, तो उन्होंने फार्म न होने की बात बताई। साथ ही तर्क भी दिया कि संशोधन होता नहीं है। कई बार उनके द्वारा प्रयास किया गया तभी फार्म उपलब्ध नही है। फॉर्म 6 भी उपलब्ध नही है। जिससे नए मतदाता बनते हैं। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के निरीक्षण में काफी खामियां पाई गई।
आदेश पर केवल हो रही खानापूर्ति
मतदाता सूची में अभी भी उन लोगों के नाम दर्ज हैं, जो सालों पहले दुनिया से अलविदा कह चुके हैं। मतदान कर्मी किसी से भी फार्म 7 जो कि मतदाता सूची से मतदाता को पृथक करता है जानकारी लेकर नहीं भरवाया जा रहा है। अब इन मतदान कर्मियों को बिना ट्रेनिंग के ही मैदान में भेज दिया गया है। जिला प्रशासन भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
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