हाथरस के पॉलिटेक्निक ग्राउंड में 65 फीट रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। कारीगर रावण रावण के पुतले को अंतिम रूप दे चुके हैं। इसे बनाने वाला परिवार 4 पीढ़ियों से इस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। बुराई पर अच्छाई का प्रतीक विजयादशमी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन श्रीराम ने रावण का वध कर लंका पर विजय पाई थी। इसके बाद वह अयोध्या लौटे थे, जिसकी खुशी में विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में रावण का पुतला दहन करने की परंपरा है, जिसको लेकर सभी जगह कई दिन पूर्व से कारीगर पुतले का निर्माण शुरू कर देते हैं। हाथरस में भी बुधवार शाम को रावण के पुतले का दहन पॉलिटेक्निक ग्राउंड में किया जाएगा। कारीगर कई दिनों से युद्ध स्तर पर रावण के पुतले का निर्माण कर रहे थे।
40 सालों से परिवार बना रहा रावण का पुतला
बुधवार शाम को पुतले का दहन किया जाएगा। रावण दहन देखने के लिए हाथरस के साथ ही आसपास के गांवों के हजारों लोग पॉलिटेक्निक ग्राउंड में पहुंचेंगे। कारीगर जयप्रकाश ने बताया कि उनका परिवार पिछले 40 सालों से रावण के पुतला का निर्माण कर रहा है। इस पुतले का निर्माण पिछले 20 दिन से किया जा रहा था। इसी लंबाई 65 फीट है। शाम को पुतले का दहन किया जाएगा।
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