जिला जज मृदुला कुमार, जिलाधिकारी अर्चना वर्मा और पुलिस अधीक्षक देवेश कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से बुधवार को जिला जेल अलीगढ़ का निरीक्षण किया। इस दौरान विचाराधीन पुरुष व महिला बंदियों से उनकी हिस्ट्रीशीट के बारे में जानकारी ली। उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान के निर्देश दिये।
निरीक्षण के समय बंदियों से उनकी तारीख पेशी व मिलने वाले भोजन के संबंध में जानकारी की। इसके अतिरिक्त बीमार बन्दियों से उनके स्वास्थ्य के बारे में एवं उनको दी जाने वाली दवाओं के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान जिला जज व जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने चिकित्सालय, पाठशाला, रसोईघर और बंदियों की बैरकों का भी निरीक्षण किया। जिला जज मृदुला कुमार ने बंदियो से कहा कि यदि किसी बंदी के पास पैरवी को एडवोकेट उपलब्ध नहीं है तो वह जेलर के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित कर निःशुल्क सहायता प्राप्त कर सकता है।
जेल में टेली कंसल्टेंसी की सुविधा
निरीक्षण के दौरान जेलर प्रमोद कुमार सिंह ने कारागार में बंदियों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हेल्थ एटीएम की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि उप्र की यह पहली जेल है जिसमें टेली कंसल्टेंसी की व्यवस्था की जा रही है। जेल परिसर में वर्कशॉप बनाने को बजट का आवंटन किया गया है। निरीक्षण के दौरान मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता शर्मा, कारागार अधीक्षक, जिला प्रोबेशन अधिकारी, चिकित्सक आदि उरहे।
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