हाथरस में जुगाड़ के सहारे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब आसान नहीं होगा। जिले में अब एक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनेगा। शासन से इसकी स्वीकृति मिल गई है। सेंटर क्लास रूम, ट्रैक, सेंसर, सीसीटीवी और एलसीडी स्क्रीन आदि की सुविधाओं से लैस होगा।
परिवहन विभाग सड़क सुरक्षा के मद्देनजर जिले में पीपीपी मॉडल पर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने की तैयारी में है। अलीगढ़ मंडल के जनपद एटा, कासगंज, हाथरस में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इसके लिए परिवहन विभाग ने लोगों से आवेदन भी मांगा है। माना जा रहा है कि ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर जल्द तैयार हो जाएगा।.
आवेदक के पास 2 एकड़ तक जमीन होनी चाहिए
आवेदक के पास कम से कम 2.6 एकड़ भूमि होनी चाहिए। संस्थान पर सभी सुविधाएं आवेदक को परिवहन विभाग के मानक के अनुसार उपलब्ध कराना होगा। सेंटर पर आवेदकों को प्रशिक्षण देने के साथ ही ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट लेने की व्यवस्था होगी। प्रशिक्षण के बाद टेस्ट पास करने पर ही उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान होगा, जिसके बाद लाइसेंस जारी हो सकेगा।
आरटीओ कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे
इसका उद्देश्य यह है कि जब प्रशिक्षित चालक वाहनों का संचालन करेंगे तो सड़क हादसों में कमी आएगी। इस सेंटर के लिए संस्था के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जल्द ही संस्था का चयन होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। इसके बनने से लोगों को एआरटीओ कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय टेस्ट नहीं होगा
एआरटीओ कार्यालय में अभी टेस्ट की मैनुअल व्यवस्था चल रही है। इस सेंटर की खास बात यह होगी कि यहां से ट्रेनिंग करने वालों को एआरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाते समय टेस्ट नहीं देना होगा। ड्राइविंग सेंटर से प्रमाण पत्र लेने वाले वाहन चालकों को सीधे एआरटीओ कार्यालय से बिना टेस्ट दिए ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे। इस परिसर में चालकों के प्रशिक्षण के लिए क्लास रूम व ट्रैक की व्यवस्था होगी।
नीतू सिंह, एआरटीओ का कहना है कि ड्राइविंग सेंटर खोलने से संबंधित आवेदन मांगे हैं, ताकि जिले में ड्राइविंग सेंटर खोले जा सकें। इसके लिए संस्था का चयन किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में सेंटर का काम शुरू होगा। इसी साल सेंटर बनकर तैयार हो जाएगा।
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