हाथरस में आज होगा रावण के पुतले का दहन:कारीगरों ने बनाया 40 फीट ऊंचा पुतला, 175 साल से चली आ रही परंपरा

हाथरस2 महीने पहले
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हाथरस के सहपऊ में चैत्र मास में रावण दहन की परंपरा अपना एक इतिहास रखती है। 175 साल पहले एक बीमारी फैली थी, उसमें सैकड़ों लोग इसकी चपेट में आए थे। उस समस्या का निराकरण चैत्र मास की नौवीं और दसवीं के दिन रावण दहन से निकला। तभी से सहपऊ कस्बे में रावण दहन की परंपरा शुरू हुई।

सहपऊ में 31 मार्च की शाम को रावण दहन मेला में इस बार 40 फुट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। पुतले का निर्माण मुरसान के कारीगरों ने किया है। कारीगर शफीउद्दीन खान, शमीउद्दीन खान ने बताया कि पुतला निर्माण करने का काम उनके पुरखों के समय से हो रहा है। वह एवं उनके परिवार के अन्य सदस्य रावण, मेघनाथ आदि के पुतले बनाते हैं। कस्बा में चैत्र मास में रामलीला होने के साथ के रावण दहन मेला आयोजित होने के पीछे एक परंपरा है।

बुजुर्ग बताते हैं कि कस्बा में लगभग 175 साल पहले एक बीमारी फैली थी। जिसकी चपेट में सैकड़ों लोग आए थे। ज्योतिषियों से इसका निराकरण पूछा। उन्होंने चैत्र मास में रामलीला के आयोजन के साथ नौवीं एवं दसवीं के दिन रावण दहन मेले का आयोजन करने की सलाह दी। तब से रावण दहन मेला का आयोजन होता चला आ रहा है। शांति व्यवस्था को लेकर पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं।