हाथरस जिला अस्पताल में भी टेढ़े-मेढ़े पंजे वाले बच्चों ( क्लबफुट रोगियों) का उपचार शुरू हो गया है। अनुष्का फाउंडेशन फार एलिमिनेटिंग क्लबफुट के सहयोग से प्रत्येक शनिवार को ओपीडी में आर्थो सर्जन डा. गोपाल वर्मा ऐसे बच्चों का उपचार कर रहे हैं। यहां पहुंच रहे 25 बच्चों का उपचार संस्था के सहयोग से शुरू कर दिया गया है। जन्म से टेढ़े-मेढ़े पैर वाले बच्चों को क्लबफुट रोगी कहा जाता है। पहले लोग इसे अभिशाप मानते थे और समाज में तमाम तरह की भ्रांतियां फैली थीं।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अनुष्का फाउंडेशन ने ऐसे रोगियों को दिव्यांगता से मुक्ति दिलाने के लिए सकारात्मक पहल की है। जिला अस्पताल की ओपीडी के कक्ष संख्या नौ में आर्थो सर्जन डा. गोपाल वर्मा ने संस्था के काओर्डिनेटर सत्येंद्र सिंह के सहयोग से क्लबफुट से पीड़ित बच्चों का इलाज शुरू किया है। मौजूदा समय में वहां करीब 25 से अधिक बच्चों का इलाज चल रहा है। अब संस्था ने इसका प्रसार कर जिला अस्पताल में हर शनिवार को सेवाएं प्रारंभ कर दी हैं।
जिला अस्पताल की आर्थो ओपीडी में क्लबफुट क्लीनिक की शुरुआत हुई है। ऐसे 25 बच्चों का उपचार चल रहा है, जिसमें से सात बच्चे ठीक हो गए हैं। अनुष्का फाउंडेशन की तरफ से नामित कोआर्डिनेटर सत्येंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे रोगियों के इलाज में आने वाला खर्च संस्था करती है। बच्चों का पहले पंजीकरण कराना होता है। उन्हें नियमित रूप से उपचार कराना होता है। समय पर इलाज होने से वह स्थाई रूप से ठीक हो जाते हैं।
आर्थो सर्जन डा. गोपाल वर्मा ने बताया कि प्रत्येक शनिवार को अनुष्का फाउंडेशन के सहयोग से क्लबफुट से पीड़ित बच्चों का उपचार किया जाता है। अगर बच्चे को जरा सी भी दिक्कत है तो इस में लापरवाही न करें, तत्काल बच्चे को डाक्टर को दिखाएं। नियमित रूप से उपचार करने पर बच्चे समय रहते ठीक हो जाते हैं।
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