हाथरस में बैंक कर्मियों पर रिश्वत मांगने का आरोप:प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने दिए जांच के आदेश, व्यापार मंडल ने की शिकायत

हाथरस11 दिन पहले
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हाथरस में एक कार्यक्रम में आये प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण को संयुक्त उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल ने शिकायती पत्र दिया। जिसमें बैंक कर्मियों पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। पत्र में कहा कि शासन द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना चलायी गयी है, जो कि क्षेत्रीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये एक सराहनीय कदम है, लेकिन बैंकों द्वारा फाइनेंस करने में पहले तो ऐसी औपचारिकतायें बता दी जाती हैं, जिनको उद्यमियों द्वारा पूर्ण करना बहुत मुश्किल होता है, उसके बाद उद्यमियों से रिश्वत की मांग की जाती है।

जिसमें प्रमुख रूप से अधिकांश केस भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा हाथरस के होते हैं। उद्योग विभाग द्वारा आवेदन भेजने के बाद 6-6 और 8-8 महीने तक बैंकों द्वारा फाइनेन्स के मामले लटका दिये जाते हैं। बैंकों द्वारा अनाधिकृत रूप से रिश्वत की मांग की जाती है। कहा कि इस तरह उद्यमियों व उद्योगों को बढ़ावा देने की योजनाओं को बैंक अधिकारी पूर नहीं होने दे रहे हैंं।

संस्था के पदाधिकारियों ने मांग की है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर योजनाओं को सही ढंग से संचालित कराया जाए, जिससे जरूरतमंद उद्यमियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। ज्ञापन देने वालों में संस्थापक राजीव वार्ष्णेय, मुख्य संरक्षक हरीश अग्रवाल, संस्थापक विपिन वार्ष्णेय, संस्थापक कन्हैया वार्ष्णेय, नगर अध्यक्ष अंकित वार्ष्णेय, नगर महामंत्री मदन गोपाल और नगर मंत्री कौशल वार्ष्णेय आदि उपस्थित रहे।

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