हाथरस को मेला और शोभायात्राओं की नगरी भी कहा जाता है। इनमें से एक है रामनवमी के मौके पर निकलने वाली भगवान श्रीराम की चार मंजिला रथयात्रा। इस बार भी 30 मार्च को रामनवमी के मौके पर मूछों वाले भगवान राम रथ में सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे। रथयात्रा का शुभारंभ शहर के चामड़ गेट स्थित गमेल वाली बगीची से होगा।
रथयात्रा का इतिहास काफी गौरवशाली है। शहर के बुजुर्ग बताते हैं कि 142 वर्ष पूर्व शहर के सेठ बैनीराम पोद्दार अपने मित्रों के साथ वृंदावन में रंगनाथ की रथयात्रा देखने के लिए गए थे। उनके साथ गए लोगों ने वहां लगी भीड़ में कहा कि हटो-हटो सेठ जी दर्शन करने आ रहे हैं। दर्शन करने आए कुछ लोगों ने कहा कि इतने बड़े सेठ हैं तो अपने शहर में इसे क्यों नहीं निकलवा लेते।
यह बात सेठ बैनीराम पोद्दार को अखर गई। सेठ ने हाथरस आकर दिन-रात मजदूर लगाकर रथ तैयार कराया। 1880 में इस रथयात्रा की शुरुआत हुई। इस रथ में मूछों वाले रामजी को विराजमान किया गया। इस वर्ष भी रामनवमी के दिन इस रथयात्रा को निकालने की तैयारी कर ली गई है। यह रथयात्रा बैनीराम बाग स्थित श्रीकृष्ण चंद्र महाराज हनुमान जी मंदिर के प्रबंधक तुलसी प्रसाद पोद्दार की देखदेख में निकाली जाएगी।
ट्रस्टी गोविंद पोद्दार ने बताया कि रथ की रंगाई पुताई का कार्य चल रहा है। मेले में काली व भैरव के स्वरूपों का प्रदर्शन खास होगा। अखाड़ेबाजी का प्रदर्शन उस्ताद मुन्नालाल शर्मा एडवोकेट की देखरेख में होगा। रथयात्रा शहर के चामड़ गेट स्थित गमेल बगीची से शुरू होकर सब्जी मंडी, नयागंज, मुख्य बाजारों से होते हुए बैनीराम बाग पहुंचेगी।
रामनवमी को निकलने वाली रथयात्रा में शामिल होने वाले रथ की ऊंचाई करीब 35 फीट से अधिक है। इस कारण रास्ते में आने वाले तारों को हटाया जाएगा, ताकि रथयात्रा सुगमतापूर्वक भ्रमण कर सके। इसके लिए बिजली विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है।
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