प्रशासन ओवरलोडिंग व अवैध खनन पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। मौरंग भरे ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही लगातार जारी है। खनिज विभाग की मिलीभगत से घाट से ही वाहनों में मानक से दोगुनी मौरंग भरी जा रही है। शासन ने ओवरलोड रोकने के लिए मौरंग घाटों से ही मानक के मुताबिक निर्धारित मात्रा में ही मौरंग ट्रकों में लोड करने की गाइड लाइन जारी की है।
कदौरा ब्लाक में चल रही मौरंग की खदानों में उसका पालन नहीं हो रहा है। टन के हिसाब से रुपये देने पर मनमाफिक मौरंग ट्रकों में लोड कर दी जाती है। घाट पर लगे धर्मकांटे को भी यह ट्रक पार कर निकल आते हैं। यह सब मैनेजमेंट घाट पर संचालकों के द्वारा किया जाता है। इसके लिए नजराना बस थोड़ा ज्यादा देना पड़ता है, जिससे राजस्व को भारी क्षति पहुंच रही है। ओवरलोड ट्रक शाम ढलते ही लोकेशन माफिया के इशारे पर विभिन्न मार्गों से होकर जनपद की सीमा पार कर जाते हैं।
हर माह सरकार को करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। रात्रि में मौरंग भरे ओवरलोड ट्रकों के आगे पीछे लोकेशन की लग्जरी गाड़ियां घूमती हैं। मौरंग भरे ओवरलोड ट्रकों की स्थिति यह है कि कदौरा से जोल्हूपुर मार्ग सहित अन्य मार्गों में निर्धारित मानक से दो गुना व ढाई गुना मौरंग ढोई जा रही है। अवैध खनन कर बारिश के मौसम के लिए मौरंग भंडारण का खेल शुरू हो चुका है। एनआर, ओवरलोड ट्रकों से मौरंग का डंप किया जा रहा है।
ट्रक संचालकों का कहना है कि खनिज विभाग हम लोगों के ट्रकों को पकड़कर इति श्री कर लेता है लेकिन कदौरा ब्लाक की पथरेहटा, कहटा, बड़ागांव, भेड़ी सहित अन्य खदानों पर मौरंग की ओवरलोडिंग रोकने के लिए कोई लगाम नहीं लगा रहा है। ट्रक मालिकों ने बताया कि मौरंग खदानों पर सारा कार्य विभागीय सिस्टम से होता है इसलिए बलि का बकरा बगैर इंट्री वाले ट्रकों को बनाया जाता है। जिला खनिज अधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि वह घाट पर निरीक्षण कर संचालक के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
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