जौनपुर जिले के तिलकधारी महाविद्यालय में बुधवार दोपहर दो शिक्षकों के बीच जमकर मारपीट हुई। चंदे के पैसे को वापस लेने का विवाद इतना बढ़ गया कि मामला थाने तक पहुंच गया। शिक्षकों के दो अलग-अलग गुटों ने अपनी दलीलें सीओ को दी। मारपीट डॉ. प्रदीप सिंह और डॉ. प्रशांत भूषण द्विवेदी के बीच हुई है। मारपीट करने वाले दोनों शिक्षक विद्यालय में ही तैनात हैं।
500 रुपए लिया गया था चंदा
बता दें कि शिक्षकों का प्रदेश व्यापी धरना 28 अक्टूबर को तय किया गया था। इस बाबत सारे शिक्षक लखनऊ जाने वाले थे। लखनऊ जाने के लिए शिक्षकों ने 500 रुपए का चंदा इकट्ठा किया गया था। सभी शिक्षकों ने इस बाबत चंदा दिया था। बुधवार दोपहर महाविद्यालय में यह बात सामने आई कि मुख्यमंत्री ने धरने में से दो बिंदुओं पर सहमति बना दी है। इस कारण से लखनऊ जाने का मामला शिक्षकों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया।
पैसे देने से शिक्षक ने किया इनकार
महाविद्यालय के कुछ शिक्षकों ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने बात लिखित रूप से नहीं मानी है तो दीपावली के त्योहार के बाद लखनऊ चला जाएगा। इसी बात को लेकर शिक्षकों ने चंदे में दिए गए 40 हजार रुपए को वापस मांगा। राजनीति शास्त्र विभाग में तैनात शिक्षक डॉ. प्रशांत भूषण दिवेदी से चंदे के पैसे वापस मांगने के लिए प्राचीन इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रदीप सिंह पहुंचे। प्रदीप सिंह ने जब पैसा वापस मांगा तो प्रशांत भूषण ने देने से इनकार कर दिया।
दोनों शिक्षकों को थाने ले गई पुलिस
इस बात को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि दोनों शिक्षकों में मारपीट की नौबत आ गई। शिक्षकों में हुई हाथापाई पर स्थिति बिगड़ती देख कॉलेज में फोर्स बुलानी पड़ी। लाइन बाजार पुलिस ने दोनों शिक्षकों को इस बाबत थाने पर बुला लिया। मामले का हल न होता देख पुलिस ने दोनों शिक्षकों को डिप्टी एसपी के सामने पेश किया है। फिलहाल दोनों शिक्षक अपने-अपने ग्रुप के साथ डिप्टी एसपी जितेंद्र दुबे के सामने अपनी दलील पेश कर रहे हैं।
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