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  • Many Students Are Upset Due To The Closure Of Mark Sheet Revision In PU; The Solution Could Not Be Found Even After Visiting The University; The Revision Process Was Closed After The Decision Of The Examination Committee

पीयू में अंकपत्र संशोधन बंद होने से कई स्टूडेंट्स परेशान:विश्वविद्यालय का चक्कर काटने के बावजूद नहीं हो पा रहा समाधान; परीक्षा समिति के निर्णय के बाद बंद हुई थी संशोधन प्रक्रिया

जौनपुर14 दिन पहले
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यह तस्वीर जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की है - Dainik Bhaskar
यह तस्वीर जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की है

जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में अंकपत्र त्रुटि संशोधन बंद होने से कई स्टूडेंट्स परेशान हैं। विश्वविद्यालय की लापरवाही का खामियाजा पांच जनपदों के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। कई लोगों को नौकरी तो मिल गई है लेकिन सत्यापन के चलते उनकी जिंदगी अधर में अटकी है। ऐसे छात्रों का समाधान विश्वविद्यालय की तरफ से नहीं किया जा रहा है। छात्र हर रोज विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन विश्वविद्यालय परीक्षा समिति के फैसले का हवाला देकर उन्हें वापस कर दे रहा है।

बता दें कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध मऊ,गाजीपुर, आजमगढ,जौनपुर, हड़िया प्रयागराज जिले के विभिन्न महाविद्यालय के छात्रों को संसोधन के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। इनमें कुछ के अंकपत्र में माता-पिता तो कुछ के नाम में गड़बड़ी है। कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिनके अंकपत्र में अंको के औसत के कुल योग में कमी है। लेकिन पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से छात्रों के अंकपत्र की गड़बड़ी में किसी प्रकार का सुधार नहीं किया जा रहा है।

अलग-अलग जनपदों से विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालय के छात्रों की शिकायत है कि विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के चलते किसी के नाम में त्रुटि है तो किसी में टाइटल नहीं लगा हुआ है। छात्रों का तो कई पेपर का अंक ही नहीं चढ़ा है, यह समस्या कोरोना संक्रमण काल के दौरान आई थी विश्वविद्यालय बंद होने की वजह से छात्र अपनी समस्या ठीक नहीं करवा सके थे।स्थिति सामान्य होने के बाद त्रुटि ठीक करने के लिए छात्रों में विश्वविद्यालय में प्रार्थना पत्र के साथ शुल्क भी जमा कर दिया था ।शुल्क रसीद प्राप्त होने के बाद भी विश्वविद्यालय में त्रुटि नहीं सही की। विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग छात्रों को यह कह कर वापस कर दे रहा है, कि संशोधन की प्रक्रिया छह माह की होती है।

जबकि जिम्मेदार लोगों का कहना है कि अधिकारियों की तरफ से संशोधन प्रक्रिया में रोक लगा दी गई है जब तक रोक नहीं हटेगी तब तक किसी भी छात्रों के समस्या का समाधान कर्मचारियों के स्तर पर करना नामुमकिन है। वहीं कई छात्रों की नौकरी लग चुकी है लेकिन सत्यापन के चलते उनकी जिंदगी दांव पर लगी है।

इस सम्बन्ध में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव परीक्षा अजीत सिंह ने बताया कि परीक्षा समिति के निर्णय के बाद संशोधन प्रक्रिया बंद हो गई थी। जब भी परीक्षा समिति की बैठक होगी इस मामले को वहां रखा जाएगा। और इस पर विचार किया जाएगा

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