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झांसी में बच्चों ने मोबाइल गेम में गवां लाखों रुपए:ऑनलाइन गेम का दीवानापन बच्चों से करवा रहा अपराध, अभिभावक के खाते से लाखों रुपये के खरीद लिए वर्चुअल हथियार

झांसी2 वर्ष पहले
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मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए बच्चों ने वर्चुअल हथियार खरीदने के लिए अभिभावकों के खाते से खर्च कर दिए लाखों रुपए। - Dainik Bhaskar
मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलते हुए बच्चों ने वर्चुअल हथियार खरीदने के लिए अभिभावकों के खाते से खर्च कर दिए लाखों रुपए।

बैंक खाते से लाखों रुपए गायब हो जाने के बाद ऑनलाइन ठगी की आशंका में कई लोगों की शिकायत पर जब झांसी साइबर सेल ने जांच की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि शिकायत कर्ताओं के खाते से लाखों रुपए की धनराशि किसी जालसाज या ठग ने नहीं बल्कि उनके उनके ही बच्चों ने ही लाखों रुपये के गेमिंग हथियार और 5 जी फोन खरीदकर खर्च कर दिए। परिवार के लोगों को इस खरीददारी और खाते से रुपए कटने के बारे में जानकारी न मिले इसके लिए बच्चों ने खरीदारी के दौरान मोबाइल में आए ओटीपी और ट्रांजैक्शन से जुड़े मैसेज डिलीट कर दिए थे।

मोबाइल गेम के वर्चुअल हथियार खरीदने में बच्चों ने लाखों खर्च कर दिए

नवाबाद थानाक्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने अपने खाते से 7 लाख 50 हजार रुपए धोखाधड़ी से निकाल लिए जाने के शक में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि पैसे ऑनलाइन गेम खेलने के लिए वर्चुअल हथियार और 5जी मोबाइल खरीदने में खर्च हुआ है। जब पता चला कि शिकायतकर्ता के भतीजे ने ही गेम खेलने के लिए यह रुपया परिवार को बताए बिना खर्च कर लिया है तो परिवार के लोगों ने शिकायत वापस ले ली। इसी तरह ललितपुर के एक व्यक्ति ने लगभग डेढ़ लाख रुपये खाते से निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई तो जांच में पता चला कि यह रुपया बच्चे ने ऑनलाइन गेम और उनके वर्चुअल हथियार खरीदने के और 5जी मोबाइल खरीदने पर खर्च कर दिए। इसी तरह जालौन के एक व्यक्ति के खाते से लगभग दो लाख रुपये निकल गए जिसे बच्चे ने गेम के लिए ऑनलाइन 5जी मोबाइल खरीदने पर खर्च किया था।

बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ रही लत

झांसी के साइबर थाने के नोडल अफसर डॉ.विवेक त्रिपाठी ने बताया कि साइबर थाने में कुछ मामले ऑनलाइन गेमिंग के सम्बंध में आए थे। बच्चों ने गेम में इस्तेमाल होने वाले वर्चुअल हथियार खरीदे थे। ऑनलाइन गेम के दौरान प्वाइंट खत्म के बाद हथियार खरीदने के लिए पैसा देना पड़ता है। बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की लत बढ़ती जा रही है। झांसी में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। एक महिला के खाते से 7 लाख 55 हज़ार रुपये निकल जाने की शिकायत आई थी। जांच में पता चला कि यह रुपये शिकायतकर्ता के भतीजे ने ही ऑनलाइन गेमिंग में हथियार खरीदने में खर्च कर दिए थे। यह बहुत बड़ी रकम थी जो बच्चों में लत को प्रमाणित करती है।

मोबाइल पर क्या कर रहे हैं बच्चे, अभिभावक रखें नजर

एसपी सिटी ने कहा कि कोविड के समय बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही है, बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ गेम भी खेल रहे हैं। उसमें जरूरत से ज्यादा समय दे रहे हैं। यह बच्चों को एडिक्ट बना रहा है, ये बच्चों के दिमाग और आंखों दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। अभिभावकोंं को बच्चों के स्क्रीन टाइम पर नजर रखनी चाहिए। बच्चों को मोबाइल फोन 2 घंटे से अधिक नहींं देना चाहिए। साथ ही बच्चे ऑनलाइन क्या कर रहे हैं, इस पर भी पूरी नजर होनी चाहिए।

ऑनलाइन गेमिंग बीमारी भी बन सकती है

बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमशंकर चौरसिया बताते हैं कि बच्चों के गेम खेलने की आदत अधिक समय बाद बीमारी में बदल जाती है, आज कल बच्चे ज्यादातर ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं,. उसमें हिंसक चीजें दिखाई जाती हैं, जिस कारण से उनके मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। वीडियो गेम की आदत छुड़ाने के लिए अभिभावक बच्चों के साथ समय ज्यादा बिताएं। उनके साथ खेलें, उनकी बातों को महत्व दें तो धीरे-धीरे बच्चों में गेम खेलने की आदत छूट सकती है।

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