कोरोना महामारी की दूसरी-तीसरी लहर के बीच में वैक्सीनेशन तेजी से हो रहा है, लोगों बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन के इंतजार में है। मगर उससे पहले जिले में बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए आज से जिले के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर पीसीवी का टीका लगाया जाएगा। जिले को 7200 वैक्सीन की डोज मिली। बच्चों में फेफड़ों में होने वाला संक्रमण से बचाव करेगी पीसीवी वैक्सीन। झांसी में पिछले दिनों पीसीवी के टीके की कमी के कारण परिजनों को अस्पतालों से निराश होकर लौटना पड़ रहा था।
7200 डोज के साथ आज से वैक्सीनेशन शुरू
बच्चो को निमोनिया से बचाने के लिए लगाए जाने वाला टीका पीसीवी नहीं होने के कारण बच्चों को निमोनिया का टीका नहीं लग पा रहा था। जिसके चलते जानलेवा निमोनिया से बचाने के लिए जन्म से डेढ़ महीने के बच्चो को और साढ़े तीन महीने व नौ महीने के नवजातों को जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज सहित सभी सीएचसी स्वास्थ्य केंद्रों पर पीसीवी टीका लगाया जाएगा । जिले में पिछले दो महीने से वैक्सीन नहीं मिलने के कारण बच्चो के परिजन 3800 से 4000 कीमत के इस टीके को प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम में जाकर लगवा रहे थे। मगर अब मंगलवार से सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया जाएगा। इस संबंध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. रविशंकर ने बताया कि पीसीवी की सात हजार दौ सौ वैक्सीन के डोज मिल चुकी है मंगलवार से सभी अस्पतालों व केंद्रों पर निमोनिया का टीका लगाया जाएगा।
निमोनिया फेफड़ों में होने वाले संक्रमण से बचाता है पीसीवी टीका
बाल रोग विशेषज्ञ ओम शंकर चौरसिया का कहना है कि निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगस अथवा पैरासाइट के कारण होता है। इससे फेफड़ों में सूजन हो जाती है एवं उसमें तरल पदार्थ भर जाता है। बैक्टीरिया और वायरस निमोनिया के प्रमुख कारण होते हैं। यह बीमारी तब होती है जब किसी व्यक्ति की सांस के साथ निमोनिया ग्रस्त कीटाणु उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता उन कीटाणुओं से लड़ नहीं पाती। तब ये कीटाणु फेफड़े की वायु कोष्ठिका में बैठकर अपनी संख्या बढ़ाने में जुट जाते हैं। जब शरीर इस संक्रमण से लड़ने के लिए श्वेत रक्त कोशिकाओं को भेजता है, तो वायुकोष्ठिका तरल पदार्थों और पस से भर जाती हैं, जिसके कारण निमोनिया होती है।
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