झांसी में समाजपार्टी पार्टी की दो सीटों पर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। शुक्रवार को भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद समाजवादी पार्टी ने झांसी की 3 सीट पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। दो बार विधायक रहे दिग्गज नेता दीपनारायण सिंह को गरौठा और बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए तिलक चंद अहिरवार को मऊरानीपुर से प्रत्याशी घोषित किया गया।
वहीं, पूर्व सांसद कद्दावर नेता चंद्रपाल सिंह यादव के बेटे यशपाल को बबीना सीट से प्रत्याशी बनाया गया। इसके बाद जबरदस्त विरोध हो गया और बागी तेवर देख जिलाध्यक्ष को एक घंटे बाद ही दूसरा प्रेसनोट जारी करना पड़ा। इसमें पूर्व सांसद के बेटे का टिकट रोक लिया गया है। ऐसा ही हाल झांसी सीट है। जहां बसपा छोड़कर सपा में आए सीताराम कुशवाहा की टिकट लगभग फाइनल है। यहां भी विरोध हो सकता है।
दो प्रत्याशियों का किया टिकट फाइनल
जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की संस्तुति पर मऊरानीपुर से तिलकचंद अहिरवार और गरौठा से दीप नारायण सिंह यादव को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया है। दोनों को ए-बी फार्मा भी दिया जा चुका है। बबीना विधानसभा सीट पर पूर्व सांसद के बेट यशपाल और पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीरेंद प्रताप सिंह यादव उर्फ वीरू टिकट मांग रहे हैं।
वीरू पर पूर्व जिलाध्यक्ष का हाथ है। दो दिग्गजों के बीच लड़ाई है। जब जिलाध्यक्ष ने पहला प्रेसनोट जारी कर यशपाल को प्रत्याशी घोषित किया तो वीरू ने सोशल मीडिया पर अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया। इसके बाद बबीना का टिकट फाइनल नहीं किया गया।
तिलकचंद रह चुके हैं एमएलसी
दीप नारायण सिंह यादव समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता है। लगातार दो बार गरौठा से विधायक रह चुके थे। तीसरी बार 2017 में उनको भाजपा के जवाहर सिंह राजपूत ने हराया था। उनकी पत्नी मीरा यादव निवाड़ी की विधायक रह चुकी हैं। दीप नारायण पार्टी के जिलाध्यक्ष और एमपी के प्रदेश प्रभारी भी रह चुके हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी छोड़कर सपा में आए तिलकचंद अहिरवार ने 2002 में बबीना सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, तब वे हार गए थे। इसके अलावा वह बसपा में एमएलसी रहे चुके हैं और बिहार के प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं। कुछ समय पहले ही वह बसपा छोड़कर सपा में आ गए थे।
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