पिछले दस साल से ऑर्गेनिक कंपनियां चर्चा में आई हैं। इसमें एंब्रोसिया ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स साल 1993 से ही लोगों की पसंद बनी हु्ई है। डेविड गोवर ने इसकी नींव रखी थी। इसे संभाला जनार्दन खोराटे और उनकी पत्नी जाहन्वी खोराटे ने। जनार्दन को लोग सलादबाबा के नाम से भी जानते हैं।
16 साल की उम्र में जनार्दन की मुलाकात लंदन से आए डेविड और उनकी पत्नी से हुई। 2008 मे एंब्रोसिया की पूरी जिम्मेदारी डेविड ने जनार्दन को सौंपी। जाहन्वी खोराटे एक वकील है। यह एंब्रोसिया कंपनी के ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को अपनी फ्री कंसल्टेशन देती हैं।
जनार्दन कहते हैं, उनका कहना है कि वह किसानों की और उनके परिवारों की सहायता करे, साथ ही उनके बच्चो को मुफ्त मे शिक्षा दिलाने में मदद करें। साथ ही किसानों को वक्त-वक्त पर केमिकल, नए तरीकों, पेस्टीसाइड आदि से परिचय देते रहते हैं।
सलादबाबा को ‘यंग ऑर्गेनिक फार्मर' के नाम से भी जाना जाता है। ये हाल ही मे भारत के पहले ऑर्गेनिक फिटनेस फूड मैन्युफैक्चरर भी बने हैं। 2016 मे इन्हें ‘यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ इंडिया' का खिताब भी मिला था। यह कपल सिर्फ कुछ साल मे एंब्रोसिया ऑर्गेनिक कंपनी को दस लाख से चालीस करोड़ की वैल्यूशन वाली कंपनी मे तब्दील कर चुका है।
साल 2017 में एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म को एशिया में उभरते हुए बिजनेस के रूप में मान्यता दी गई है। लगातार तीन साल (2019, 2020 और 2021) के लिए, टाइम्स ऑफ इंडिया ने एम्ब्रोसिया ऑर्गेनिक फार्म को साल के “आइकॉनिक ऑर्गेनिक फूड ऑफ द ईयर” के रूप में सम्मानित किया। जाहन्वी और जनार्दन खोराटे कहते हैं कि उनका लक्ष्य है कि वह भारत के सभी ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को एकजुट करे अथवा उनको नई टेक्नोलॉजी और खेती करने के तरीकों से परिचय कराएं। अभी तक यह पूरे भारत में चार हजार से भी ज्यादा किसानों को एकजुट करने में सक्षम हो चुके हैं।
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