छिबरामऊ में बिना मुआवजा दिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ किसानों का धरना चल रहा है। सोमवार को तहसील सभागार में पीड़ित पक्ष और एनएचएआई के अधिकारियों को आमने सामने बैठ कर बातचीत के माध्यम से हल निकालने के लिए उपजिलाधिकारी ने बुलाया था ।
पीड़ित पक्ष का समर्थन कर रहे भाकियू किसान के जिलाध्यक्ष राजा शुक्ला भी उपस्थित इस दौरान मौजूद रहे । उपजिलाधिकारी के समक्ष हुई वार्ता में पीड़ित पक्ष ,किसान नेता राजा शुक्ला से एनएचएआई के अधिकारियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। जिलाध्यक्ष राजा शुक्ला ने कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक हाइवे का काम बंद रहेगा और धरना प्रदर्शन अनवरत जारी रहेगा ।
मुआवजे के लिए धरने पर बैठे किसान
पीड़ित पक्ष की मांग है कि जब तक उन्हें उनकी जमीन का पूरा और जायज मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वह धरने से नही हटेंगे और न ही अपने घरों की एक भी ईंट हिलाने देंगे । एनएचएआई के अधिकारियों ने मुआवजे में हो रही देरी का कारण उनके जमीन के अभिलेखों में त्रुटि पाया जाना बताया है। उन्होंने ने कहा कि पीड़ितों का बैनामा तो है लेकिन उन्होंने अभी तक दाखिल खारिज की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है जिस कारण खतौनी में अभी तक जमीन का जो मूल स्वामी है उसी का नाम दर्ज है। इस कारण असमंजस की स्तिथि बनी हुई है।
एनएचएआई को तलाशना चाहिए दूसरा विकल्प
जिलाध्यक्ष राजा शुक्ला ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को और एनएचएआई को मिलकर कोई दूसरा विकल्प तलाश करना चाहिए, जिससे कि लोगों का नुकसान न हो और उनके जीवन को नरक बनाने की बजाय सुखी बनाया जा सके। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि पहले जमाने में ज्यादातर बैनामें जो प्लॉट के रूप में कराए जाते थे। इसी को लेकर आज दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इस मौके पर सभागार में भाकियू किसान के जिलासंरक्षक राम प्रधान, जिला उपाध्यक्ष अभिषेक पाठक, टीटू यादव , शिवम तिवारी , राघवेंद्र, धर्मा सैनी , सोनू गुप्ता, राजू गुप्ता, शिव प्रकाश , सोबरन सिंह, तेजसिंह, नरेंद्र शर्मा आदि उपस्थित रहे
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