सरकार गरीबों के उत्थान के लिए अनगिनत योजना चला ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। तस्वीरें खुद व खुद उज्जवला योजना की हकीकत बयां कर रही है। दरअसल भोगनीपुर तहसील अंतर्गत पुखराया मढैया की रहने वाली महिलाएं रोजाना 10 से 15 किलोमीटर दूर मावर स्थित जंगल में खाना बनाने के लिए लकड़ियों का इंतजाम करने जाती हैं। ताकि दो वक्त के लिए चूल्हे में लकड़िया जलाने का इंतजाम हो सके और पेट की भूख मिटाई जा सके।
पैसे नहीं है गैस भराने के लिए
कड़कड़ाती ठंड में गरीब महिलाओं का खाना बनाने के लिए इतनी दूर आकर लकड़ियों का इंतजाम करना सरकार द्वारा चलाई गई उज्जवला योजना की हकीकत को धरातल पर कुछ और ही दर्शा रहा है । तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है। उज्जवला योजना की धरातल पर हकीकत। लाचार गरीब महिलाओं ने बताया कि इस महंगाई में 1 हजार का सिलेंडर भराये कि बच्चों का पेट पाले। लिहाजा रोजमर्रा लकड़ी बिनकर गरीबी में परिवार का पेट पालना इनकी किस्मत में शुमार है। उज्जवला योजना भी इन महिलाओं की किस्मत नहीं बदल पाई।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.