कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत रहने वाले एक मजबूर पिता को अपने पुत्र को न्याय दिलाने के लिए 8 महीने का वक्त लग गया। गुरुवार को कोर्ट के आदेश के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो पाया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर 10 नामजद और 3 अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
एक युवती से प्यार करता था युवक
कानपुर देहात के थाना शिवली के अंतर्गत शंकर नगर निवासी रमाकांत त्रिपाठी ने 156 (3) के तहत कानपुर देहात कोर्ट को बताया कि उसका पुत्र हिमांशु त्रिपाठी (24) कल्यानपुर के पैरामेडिकल कॉलेज से ओटी टेक्नीशियन का कोर्स कर रहा था। वो कई अस्पतालों में पार्ट टाइम जॉब भी करता था। इस दौरान एक नर्सिंग होम में काम करने वाली एक युवती से उसके प्रेम संबंध हो गए। वहीं दूसरे नर्सिंग होम की एक युवती उससे एकतरफा प्यार करती थी।
होली मिलन समारोह में गया था
मामले में अस्पताल संचालक योजना बनाकर उसे 3 मार्च को होली मिलन समारोह में चलने की बात कहकर कानपुर ले गए। इसके बाद 31 मार्च को उसका शव बगिया रेलवे क्रॉसिंग के पास पड़ा मिला। जब मेरे द्वारा हत्या की आशंका जताई गई, तो पुलिस ने पूरे मामले को आत्महत्या करार दिया। जब की मेरे बेटे की हत्या कर उसे रेलवे ट्रैक पर फेंका गया था। कोर्ट ने पुलिस को तत्काल प्रभाव से मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। तब जाकर कहीं 8 महीने के बाद मुकदमा दर्ज हो सका है।
इन पर दर्ज हुआ मुकदमा
कानपुर देहात कोर्ट के आदेश पर रमाकांत की तहरीर के अनुसार एक निजी हॉस्पिटल के डायरेक्टर अशोक सिंह, राजेश पाल, अंकित चौधरी, नेहा पाल, दीपक पाल, कप्तान सिंह, मानसी गुप्ता, उसके पिता सौरभ गुप्ता, निजी हास्पिटल के संचालक श्रीराम और एक अन्य समेत 3 अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या बोले थाना प्रभारी
शिवली थाना प्रभारी मुकेश बाबू चौहान ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर 13 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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