कानपुर देहात में 20 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। इसके तहत चुनाव आयोग ने एआरटीओ कार्यालय से बस मुहैया कराने को कहा है। इस पर एआरटीओ कार्यालय के अधिकारियों ने बस संचालकों से संपर्क करना भी शुरू कर दिया है, लेकिन इस बार ज्यादातर बस संचालक पुराने भुगतान ना होने के चलते बस देने से कतरा रहे हैं।
400 बसों की हुई है डिमांड
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि कानपुर देहात में चुनाव आयोग की तरफ से 400 बसों की डिमांड एआरटीओ कार्यालय से की गई है। इस व्यवस्था को पूरा करने के लिए एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से 206 व्यवसायिक बसों के संचालकों को वाहन उपलब्ध कराने के संबंध में नोटिस भी भेजा दिया गया है, लेकिन एआरटीओ के इस नोटिस के जवाब में बस संचालको ने आपत्तियां दर्ज कराना शुरू कर दिया है।
बस संचालकों ने दिया जवाब
नोटिस का जवाब देते हुए बारादेवी निवासी बस संचालक अरविंद,मुन्ना,कमलेश और रमेश ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव में लगी बसों का डीजल व चालक के भुगतान के नाम पर साढ़े तीन हजार रुपये देने के निर्देश थे, लेकिन आज तक हमें भुगतान नहीं किया गया है। अब आप ही बताइए ऐसी परिस्थितियों में दोबारा क्या हमें बसें आपको उपलब्ध करानी चाहिए।
जल्द होगा समस्या का निस्तारण
एआरटीओ प्रशासन मनोज वर्मा ने बताया कि चुनाव में बसों की व्यवस्था करने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से निर्देश है। उसको लेकर बस संचालकों को नोटिस भेजा गया था। इसमें कुछ बस संचालकों ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं। उन्होंने कहा है कि पिछला भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। सभी की समस्याओं का जल्द ही निराकरण कराया जाएगा और चुनाव आयोग को समय के भीतर ही बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।
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