जनता की गाढ़ी कमाई पर ट्रैफिक पुलिस किस तरह डाका डालती है, इसका जीता जागता उदाहरण कानपुर का फायर ब्रिगेड तिराहा फजलगंज है। यहां 45 दिन के भीतर पुलिस ने 16 हजार लोगों के चालान किए और 2 करोड़ 40 लाख का जुर्माना लगाया। सभी का एक ही जुर्म था कि उन्होंने रेड लाइट का वायलेशन किया है। एक डॉक्टर का 10 दिन के भीतर चार बार चालान हुआ। लेकिन जब लोगों ने विरोध किया और काफी शिकायतें पहुंचने लगीं तो अफसरों ने इसकी पड़ताल कराई।
पड़ताल में ट्रैफिक सिग्नल की पोजिशन ही गलत मिली। हालांकि ट्रैफिक पुलिस के अफसर अपनी गलती मानने के बजाय स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम को दोषी ठहरा रहे हैं। लोगों को यह सहूलियत जरूर दी गई है कि यदि वे इस बात की लिखित शिकायत करते हैं कि उनका चालान गलत हुआ है तो जुर्माना रद्द कर दिया जाएगा। अब तिराहे के ट्रैफिक सिग्नल को बंद करके सामान्य रूप से ट्रैफिक चलाया जा रहा है।
190 लोगों के चालान कैंसिल
फजलगंज फायर ब्रिगेड तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस की गलती से 21 जून से 6 अगस्त के बीच 45 दिन में 2 करोड़ 40 लाख के चालान हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस ने अपनी गलती मानते हुए 190 लोगों के चालान भी कैंसिल कर दिए हैं, लेकिन तमाम लोग अपना जुर्माना भी भर चुके हैं। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही सामने आने पर डीसीपी ट्रैफिक बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम की गलती के चलते इन चौराहों पर गलत चालान हुए हैं। 21 जून से 6 अगस्त तक हुए सभी चालान को निरस्त करने का आदेश दिया गया है। यदि शिकायतकर्ता चालान के साथ एक प्रार्थना-पत्र लिखकर देगा तो उसका चालान निरस्त कर दिया जाएगा।
गलत जगह लगा दिया ट्रैफिक सिग्नल
डीसीपी ट्रैफिक की मानें तो स्मार्ट सिटी ने ट्रैफिक सिग्नल ही गलत जगह लगा दिया है। दादा नगर रेलवे पुल से विजय नगर चौराहा की तरफ जाने वाले रास्ते पर फायर ब्रिगेड तिराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। जबकि यह तिराहा पुल के ढाल पर है। सर्वे में पाया गया कि यहां पर ट्रैफिक सिग्नल की जरूरत ही नहीं है। यहां पर ट्रैफिक सिग्नल से यातायात चलाना अव्यवहारिक है। सिग्नल से यातायात संचालित करने से जाम की समस्या खड़ी हो जाती है।
रेड लाइट जल रही थी यलो, चालान पर आपत्ति जताई
इतना ही नहीं इस चौराहे के ट्रैफिक सिग्नल की रेड लाइन खराब होने की वजह से येलो लाइट जल रही थी। इसके चलते लोग बेधड़क होकर रुकने की बजाय फर्राटा भरते हुए सिग्नल से निकलते जा रहे थे और सभी का ताबड़तोड़ ऑनलाइन चालान कटता चला गया। चालान कटने के बाद लोगों ने इस बात को लेकर भी आपत्ति जताई तो उनका चालान कैंसिल किया गया।
एक-एक गाड़ी मालिकों के 5 से 10 हजार के चालान
रतन स्तुति अपार्टमेंट शास्त्री नगर में रहने वाले डॉ. रामचंद्र लालवानी ने बताया कि वे पेशे से डॉक्टर हैं। शास्त्री नगर से रतनलाल नगर अपनी कार से क्लिनिक आने-जाने के दौरान 17 जुलाई, 22 जुलाई, 24 जुलाई और 27 जुलाई को रेड लाइट वायलेशन करने में 6 हजार के चालान काट दिए गए। उनका कहना है कि फजलगंज फायर तिराहे पर कभी ट्रैफिक सिग्नल से यातायात संचालित नहीं होता था। इसके चलते वे रेड लाइट पर रुके नहीं और उनके ताबड़तोड़ एक के बाद एक 6 हजार के चालान काट दिए गए। अब चालान कैंसिल कराने के लिए डीसीपी ट्रैफिक को प्रार्थना-पत्र दिया है। इसी तरह बर्रा-6 निवासी राहुल गुप्ता कैब चलाने वाले ने बताया कि उनका भी एक महीने में 3 चालान रेड लाइट वायलेशन का हो गया है। उन्होंने इसका 4500 रुपए जुर्माना भी जमा कर दिया है।
UP में सबसे ज्यादा चालान कानपुर में हुए, कमिश्नर ने डेटा छिपाया
आईटीएमएस के कंट्रोलरूम में तैनात एक ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर की मानें तो प्रदेश में सबसे ज्यादा कानपुर में चालान से जुर्माना वसूला जा रहा है। इस संबंध में डीसीपी ट्रैफिक से बीते तीन महीने के चालान का आंकड़ा मांगा गया तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने चालान का डेटा देने पर रोक लगा रखी है। उनकी अनुमति पर ही चालान का डेटा मिल सकेगा। इतने ताबड़तोड़ चालान हो गए हैं कि उनका डेटा सार्वजनिक कर दिया जाएगा तो पब्लिक में असंतोष की भावना फैल जाएगी और उग्र भी हो सकती है।
झल्लाहट में चालान काट रही ट्रैफिक पुलिस
नौबस्ता निवासी एक युवक की कार का नो-हेलमेट में चालान काट दिया गया था। इस पर उसने अगले दिन से हेलमेट पहनकर अपनी कार से निकल पड़ा। इससे ट्रैफिक पुलिस की जमकर फजीहत हुई थी। जानकारी मिलने पर उसका नो-हेलमेट का तो चालान कैंसिल कर दिया गया, लेकिन दोषपूर्ण नंबर प्लेट बताकर उसका 5000 का चालान काट दिया गया।
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