कानपुर हादसे की रूह कंपा देने वाली 40 तस्वीरें:कोरथा में एक साथ जलीं 13 चिताएं, 3 घरों ने खोया चिराग; मां बोली- अभी तो दुनिया भी नहीं देखी थी
कानपुर में शनिवार रात हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। इनमें 13 महिलाएं और 13 बच्चे हैं। तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर तालाब में गिर गई थी, उसमें 45 लोग सवार थे। ये लोग उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर से मुंडन संस्कार के बाद कानपुर लौट रहे थे।
सभी कोरथा गांव के रहने वाले थे। गांव में मातम पसरा हुआ है। किसी ने अपना बेटा या बेटी खोया तो किसी ने मां। इसमें ऐसे भी लोग हैं, जिनका पूरा परिवार ही उजड़ गया। रविवार को गांव में एक बेटी की लाश जब लोग ले जाने लगे तो मां उसे खींचने लगी, यह हर किसी आंख नम हो गई। वह रोते हुए बोली, ''मेरी बेटी मत ले जाओ। अभी तो इसने दुनिया भी नहीं देखी थी।''
इसके बाद एक साथ 13 लोगों को चिताएं जलाई गईं। जबकि मरने वाले सभी बच्चों को दफनाया गया है। पता चला कि ट्रैक्टर ड्राइवर ने शराब पी थी और मना करने के बावजूद वह गाड़ी चला रहा था। मुंडन भी उसी के बच्चे का था। इस हादसे में वह बच गया है और फरार है।
देखिए हादसे की आज की तस्वीरें...
देर रात भीतरगांव CHC में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद एक-एक करके 26 शवों को गांव लाया गया।
गांव पूरे गांव में चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है। अपने को खोने के बाद लोगों को रो-रोकर बुरा हाल है।
दिल दहला देने वाला हादसा के बाद गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। हर किसी के दरवाजे पर महिलाएं सिसकियां भर रही हैं, पुरुष भी अपने आंसू रोक नहीं सके।
हादसे में अपने को खोने के बाद विलाप करती महिला। लोग उसे ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन वह रो-रोकर बेहोश हो जा रही है।
कोराथा गांव में ही एक साथ 13 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया। ये देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी गांव पहुंची। परिजनों को ढांढस बंधाते हुए वह खुद भी रोने लगी थीं।
कुछ घरों के बाहर दो-तीन लोगों की लाशें रखी हुई थीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। मरने में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
गांव के बाहर अर्थियां तैयार की जा रही है। सभी शवों के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल लिया। डॉक्टरों को उचित इलाज करने का दिशा-निर्देश दिया।
सीएम योगी ने कानपुर के हैलट अस्पताल पहुंचकर मीडिया से बात की। उन्होंने हादसे पर दुख जताया। कहा कि अवेयरनेस कैंपेन चलाए जाएंगे।
अब कल की तस्वीरें देखिए...
हादसे के बाद आस-पास के लोगों ने ट्रॉली के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला। ज्यादातर लोगों की मौत ट्राॅली के नीचे दबने और पानी में दम घुटने की वजह से हुई।
हादसे की सूचना पर आसपास के गांवों के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। जिसको को भी हादसे के बारे में पता चला, वह तत्काल घटनास्थल पर पहुंचा।
मृतकों और घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। हालत गंभीर होने पर कई लोगों को कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया। मरने वालों ज्यादातर लोग एक ही परिवार के हैं।
हादसे के दौरान अपने परिवार वालों को खोजने के लिए काफी लोग पहुंचे। अंधेरा होने की वजह से उनको ढूंढने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। 4-5 घंटे तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।
हादसे की सूचना पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से घटना के बारे में जानकारी ली। साथ ही घायलों का हालचाल लिया। मृतकों के परिजनों को संवेदना व्यक्त की।
ये फोटो मृतकों की है। आप विचलित न हो इसलिए फोटो को ब्लर किया गया है। मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की हैं। ये सभी आपस में रिश्तेदार थे।
कानपुर जोन के अपर पुलिस महानिदेशक भानु भास्कर ने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। मृतकों और घायलों के परिजनों से बातचीत कर हादसे की जानकारी ली।
दर्दनाक हादसा देखकर पुलिस फोर्स के जवान भी गमगीन दिखाई दिए। देर रात तक वह राहत और बचाव कार्य में जुटे रहे। मृतकों के परिवार वालों को ढांढस बंधाते रहे। साथ ही घायलों को अस्पताल पहुंचाते रहे।
रात करीब 12:30 एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम में शामिल तीन लोगों ने तालाब में उतरकर खोजबीन की। हालांकि उनको मौके से कुछ भी नहीं मिला।
ये वही ट्रैक्टर-टॉली है जो तालाब में गिरा था। इसी पर सवार होकर लोग मुंडन पर गए थे। घर वापस लौटते वक्त यह सड़क से उतरकर तालाब में पलट गया था।
घाटमपुर के जिला अस्पताल में एक साथ इतने सारे शव पहुंचे तो अफरा-तफरी मच गई। घायलों को भर्ती कर अस्पताल में फौरन इलाज शुरू किया गया। हालांकि कुछ लोगों ने अस्पताल में डॉक्टर के न होने का आरोप लगाया।
जिला अस्पताल में जान बचाने के लिए स्टाफ मशक्कत करता दिखा। घायलों को फौरन एंबुलेंस से उतारक स्ट्रेचर से वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।
एक साथ इतनी संख्या में घायल पहुंचे तो अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल में मंत्रियों समेत तमाम अधिकारी पहुंचे। घायलों का हालचाल लिया। मृतकों के परिवार वालों को ढांढस बंधाया।
अपने परिवार वालों की हालत देखकर महिला रोती-बिलखती रही। उसने बताया कि उसका तो सब कुछ लुट गया। पता नहीं कैसे इतना बड़ा हादसा हुआ। कहा कि भगवान ने उसके साथ अच्छा नहीं किया।
घायल बच्चों को लेकर परिजन परेशान होते रहे। हादसे में कई बच्चे घायल हुए हैं। कुछ का घाटमपुर जिला अस्पताल तो कुछ का हैलट में इलाज चल रहा है।
हादसे की सूचना पर कानपुर डीएम हैलट अस्पताल पहुंचे तो परिजन डॉक्टर के न होने का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे। डीएम ने परिजनों को किसी तरह से समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद लोगों ने मंत्री राकेश सचान से भी मामले की शिकायत की।
हॉस्पिटल में अपनों को देखकर बुजुर्ग बिलखता रहा। उसने बताया कि मुंडन संस्कार में गए थे। पता होता ये सब हो जाएगा तो जाते ही नहीं। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है।
अस्पताल में लोगों ने इलाज न मिलने का आरोप लगाकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह से समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।
सीएचसी में इलाज न मिलने पर परिजन भड़क गए थे। उन्होंने काफी देर तक हंगामा किया। इस दौरान लोगों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई।