कानपुर में 6 दिन के भीतर जीका वायरस के 10 संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें 4 एयरफोर्स कर्मी और 6 सिविलियन हैं। उत्तर प्रदेश में अब तक कानपुर में जीका वायरस के केस मिले हैं। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में अलर्ट घोषित किया है।
इस बीच जीका वायरस के प्रसार से एक और संकट गहराने लगा है। सर्विलांस के 4 किमी. के दायरे में 500 गर्भवती महिलाएं मिली हैं। यह सभी 6 महीने से ज्यादा की गर्भवती हैं। अगर इनमें जीका संक्रमण हुआ तो जच्चा-बच्चा दोनों की जान पर बन सकती है। इसलिए एक-एक गर्भवती महिला का डाटा कलेक्ट करने के साथ ही डॉक्टरों की टीम ने निगरानी शुरू कर दी है। अब तक 44 हजार से अधिक घरों का सर्वे किया गया है। जबकि 1900 सैंपल लिए गए हैं।
गर्भस्थ शिशु के ब्रेन पर सीधे अटैक करता है जीका वायरस
कानपुर मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों के मुताबिक, शोध में पता चला है कि जीका का संक्रमण होते ही सबसे पहले वायरस गर्भस्थ शिशु के ब्रेन पर सीधे अटैक करता है। ब्रेन की हड्डियों को ठीक से बनने नहीं देता है। वायरस की वजह से शिशु के ब्रेन की हड्डियां गर्भ में गलने लगती हैं। इस वजह से ब्रेन पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता। ऐसे बच्चे बहुत छोटे सिर के साथ जन्म लेते हैं।
छोटे सिर के साथ विकृति लिए पैदा होने की इस समस्या को माइक्रो सिफैली कहते हैं। गर्भवती महिलाओं को जीका से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कड़ी मशक्कत कर रहा है। डॉक्टर एक-एक महिला की निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और उनके परिवार को भी सुरक्षित रहने के लिए क्या करें क्या नहीं इसकी भी जानकारी दी जा रही है। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया कि सर्विलांस के दायरे में लिए गए चार किमी. के दायरे में सर्वे के दौरान करीब 500 गर्भवती महिलाएं चिन्हित की गई हैं। इनमें जीका वायरस नहीं फैले इसकी रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
गर्भस्थ शिशु के सिर का आकार छोटा और विकृति की संभावना
अगर गर्भवती महिला में जीका का संक्रमण हुआ तो गर्भस्थ शिशु के सिर का आकार छोटा होने के साथ ही उसे मानसिक विकृति भी हो सकती है। इसके साथ ही अन्य प्रभाव जच्चा-बच्चा दोनों पर पड़ते हैं। सर्वे कर रही टीम ने इलाके की गर्भवती महिलाओं को यह भी नसीहत दी है कि अगर संभव हो तो कुछ दिन संक्रमित इलाके को छोड़कर अन्य किसी सुरक्षित जगह रहें तो इससे जच्चा-बच्चा दोनों पर पूरी तरह से खतरा टल जाएगा।
एयरफोर्स स्टेशन से लेकर चार किमी. इलाका सर्विलांस पर
चकेरी एयरफोर्स स्टेशन में कार्यरत जीका का पहले मरीज की पुष्टि हुई थी। इसके बाद एयरफोर्स में कार्यरत तीन अन्य कर्मचारी भी पॉजिटिव मिले। इसके बाद चकेरी के हरजिंदर नगर, लाल बांग्ला, पूनम टॉकीज, लालकुर्ती कैंट, ओमपुरवा और काली बाड़ी में जीका का संक्रमण मिला है।
गर्भवती महिलाएं इस तरह रखें जीका वायरस से बचाव
अब तक की कार्यवाही पर एक नजर
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