यूपी के चीनी मिलों में काम करने वाले श्रमिकों की बढ़ी सैलरी का तोहफा मिलने जा रहा है। बुधवार देर रात श्रमायुक्त डा. राज शेखर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में वेतन पुनरीक्षण पर सहमति बनी। श्रमिकों हर महीने 1600 रुपए वेतन वृद्धि पर फैसला लिया गया। काफी लंबे समय से वेतन वृद्धि की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश चीनी मिल मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनरत थे।
कार्यकाल खत्म होने से पहले फैसला
पूरे प्रदेश में श्रमिक वेतन बढ़ाने को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे थे। श्रमिक संगठनों की मांग पर प्रदेश सरकार ने सितंबर 2019 में वेतन पुनरीक्षण के लिए श्रमायुक्त की अध्यक्षता में त्रिपक्षीय समिति का गठन किया था। इस समिति का कार्यकाल 31 दिसंबर 2021 तक था। इसके भीतर वेतन पुनरीक्षण पर फैसला लेना था। बुधवार देर रात हुई त्रिपक्षीय समिति की बैठक में समिति का कार्यकाल खत्म होने के पहले वेतन पुनरीक्षण पर फैसला ले लिया गया।
70 हजार श्रमिकों को मिलेगा लाभ
श्रमायुक्त व कानपुर मंडल कमिश्नर डा. राज शेखर ने बताया कि श्रम संगठनों के साथ बातचीत में 1600 रुपए प्रति माह वेतन बढ़ोत्तरी पर सहमति बनी। वेतन पुनरीक्षण का प्रस्ताव जल्द शासन को भेजा जाएगा। प्रदेश के चीनी मिलों में कार्य करने वाले 70 हजार श्रमिकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
प्रदेश में 148 चीनी मिले
पूरे प्रदेश में मौजूदा समय में 148 चीनी मिले हैं। एटा, अलीगढ़, मथुरा, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, सहारनपुर, बस्ती, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, सीतापुर, घाटमपुर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर में चीनी मिले स्थित हैं। मीटिंग में इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंह और श्रमिक नेता मनोज सिंह भी मौजूद रहे।
चुनाव में मिल सकता है लाभ
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लिए गए इस फैसले को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। पूरे प्रदेश में इसका सीधा लाभ श्रमिकों को मिलेगा। माना जा रहा है अधिसूचना लगने से पहले ही शासन से भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। अगर, ऐसा हुआ तो चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.