कानपुर के हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग की डॉ. नेहा अग्रवाल की एक और चिट्ठी सामने आई है। इससे अस्पताल में व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। विभाग के HOD को लिखी चिट्ठी में उन्होंने बताया है कि यहां 5 वेंटिलेटर हैं और इसमें केवल एक ही काम कर है। उसका भी नॉब खराब है। मतलब सही तरीके से कोई भी वेंटिलेटर काम नहीं कर रहा है।
उनका लेटर ऐसे समय में सामने आया है, जब कोरोना की तीसरी लहर का खतरा नजदीक है। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक लगातार लोगों को आगाह कर रही हैं कि तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा हो सकता है। ऐसे समय में डॉ. नेहा की ये चिट्ठी प्रशासन के उन दावों की पोल भी खोल रही है जिसमें कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार हैं।
5 जुलाई को डॉ. नेहा ने एचओडी को लिखा था लेटर
डॉ. नेहा अग्रवाल ने ये चिट्ठी 5 जुलाई को ही मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग के HOD को लिखा था। इसमें उन्होंने बताया था कि दो सप्ताह पहले पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में दो एग्वा वेंटिलेटर इंस्टाल किए गए थे। जिसमें दोनों ही वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि एक वेंटिलेटर चार्ज नहीं हो रहा है और एक चलते-चलते रूक गया।
यह दोनों ही वेंटिलेटर PM केयर फंड से दिए गए हैं। डॉ. नेहा ने बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष को वेंटिलेटर के खराब होने के बारे में बताया था। साथ ही उन्होंने ये भी बताया था कि पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) में 5 वेंटिलेटर में एक ही काम कर रहा है और उसकी भी सेटिंग गड़बड़ है। काम कर रहे वेंटिलेटर की नॉब खराब है, जिससे उसके फंक्शन प्रॉपर नहीं हो पा रहे हैं।
बच्चे की मौत का खुलासा करने पर सस्पेंड होना पड़ा था
डॉ. नेहा अग्रवाल हैलट के बाल रोग विभाग में PICU की इंचार्ज है। पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर से हुई बच्ची की मौत का मामला उन्होंने उजागर किया था। इसके बाद उनको निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में प्राचार्य संजय काला ने डॉ. नेहा के बचाव में शासन को पत्र भेज कर पुनर्विचार का अनुरोध किया था और एक जांच कमेटी गठित की थी। यह कमेटी डॉ. नेहा को क्लीन चिट दे चुकी है। मेडिकल साइंस में विशेष शोध कार्यों के लिए उन्हें अब तक 29 मेडल मिल चुके हैं। डॉ. नेहा अग्रवाल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा गोल्ड मेडल प्राप्त कर चुकी हैं।
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