STF लखनऊ में हत्थे चढ़े अलकायदा के आतंकियों और मतांतरण गैंग सरगना उमर गौतम के बीच के कनेक्शन को तलाश रही है। दरअसल, दोनों ही मामलों में मानव बम तैयार कर तबाही मचाने की साजिश सामने आई है। जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं साथ मिलकर यह दोनो आतंक के खेल को आगे तो नहीं बढ़ा रहे थे। आपको बता दे कि एटीएस ने करीब एक महीने पहले इस्लामिक दावाह सेंटर के संचालक उमर गौतम और उसके साथी जहांगीर कासमी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। जांच में आमने आया था कि यह संगठन विशेषकर हिंदू मूक बधिर बच्चों और अन्य का ब्रेनवाश करके उनका धर्मांतरण करा रहा था।
केरल कनेक्शन पर बढ़ा शक
दरअसल, धर्मांतरण गिरोह के तार केरल के चरमपंथी संगठन से जुड़े पाये गये हैं। केरल के फोन नंबरों से काल करके युवाओं को धर्मांतरण के लिए बरगलाया जाता था। गिरोह का सरगना उमर गौतम फतेहपुर का निवासी है।अलीगढ़, कानपुर और लखनऊ में उसके गिरोह का काफी नेटवर्क सामने आया है। इसी तरह अलकायदा आतंकियों के तार भी इन्हीं जिलों से जुड़े मिले हैं। उनके यहां आने-जाने के सुबूत भी मिल चुके हैं। एटीएस पता लगाने की कोशिश में है कि अलकायदा आतंकी जिस मानव बम का प्रयोग करने वाले थे, उसे तैयार करने की जिम्मेदारी कहीं उमर गौतम को तो नहीं दी गई थी।
सर्विलांस पर असम के प्री एक्टिवेट सिमकार्ड
यह भी सामने आया है कि आतंकियों को प्री एक्टिवेट सिम कानपुर से मिले थे। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि ये सिम कार्ड असम से प्री-एक्टिवेट उन 10 हजार से ज्यादा सिमकार्ड में से हो सकते हैं । जिनको उप्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में खपाने का राजफाश पिछले दिनों कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने किया था। सर्विलांस के जरिये इसकी जांच भी शुरू हो गई है।
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