केंद्र सरकार ने देश में ड्रोन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का बना लिया है। अभी हाल ही में पेश हुए बजट में भी ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए संसद में बात रखी गई। ड्रोन से जुड़े सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों में भी आईआईटी कानपुर के सुझाव मांगे और उन्हें शामिल भी किया गया। आईआईटी कानपुर में बनाने जा रहे सेंटर फॉर ड्रोन एक्सीलेंस के प्रस्ताव को इसी महीने अप्रूव कर दिया जाएगा, यह सब बातें आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के सीनियर फैकल्टी प्रो अभिषेक ने भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया।
प्रो अभिषेक ने बताया, आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने सेना से लेकर कृषि तक में उपयोग होने वाले कई ड्रोन पूर्व में तैयार कर चुके हैं। सरकार ने ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए अपनी कई पॉलिसी में बदलाव किया है, साथ ही डीजीसीए ने भी सरकार की बात मानते हुए ड्रोन से संबंधी नियमों को आसान करने और पेपर वर्क के लिए वन विंडो पॉलिसी इस्तेमाल करने की बात कही है।
बजट में ड्रोन को बढ़ावा
एक फरवरी को पेश हुए आम बजट में ड्रोन टेक्नोलॉजी और इससे जुड़े स्टार्टअप को बढ़ावा देने की बात कही गयी। प्रो. अभिषेक ने बताया, सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि यह इंडस्ट्री तेजी से डेवलप हो रही है और लगभग हर क्षेत्र में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। वो चाहे खेतों में दवा के छिड़काव के लिए हो या आपदा के समय राहत सामग्री पहुंचाने के लिए या फिर रिमोट एरिया में वैक्सीन या दवा पहुंचाने के लिए। हर जगह ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी हाल ही में आईआईटी कानपुर और आईसीएमआर ने तेलंगाना के एक रिमोट एरिया में वैक्सीन पहुंचाने के काम में ड्रोन का प्रयोग किया था जो सफल रहा था।
डिफेन्स बजट का एक बड़ा हिस्सा मिलेगा
प्रो अभिषेक ने बताया, डिफेन्स मंत्रालय के बजट से बड़ा हिस्सा ड्रोन की आरएंडडी, एकेडेमिया और स्टार्टअप्स को दिया जाएगा, जिससे वो लोग ड्रोन की एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम कर सके। डिफेन्स फोर्सेज के लिए एडवांस तकनीक पर काम किया जा रहा है उसमे रफ्तार लेन के लिए बजट की पेशकश की गई है। ड्रोन स्टार्टअप को बजट में छूट देने की भी बात कही गई। उन्होंने आगे बताया अगले पांच सालों की बात करें तो ड्रोन इंडस्ट्री देश में करीब एक लाख करोड़ की हो जाएगी साथ ही इससे हर क्षेत्र में रोजगार भी बढ़ेगा।
रक्षा मंत्रालय के साथ चल रहे हैं कई प्रोजेक्ट्स
प्रो अभिषेक ने बताया की, रक्षा मंत्रालय के लिए हम लोगों ने कई ड्रोन बनाये हैं। भारतीय सेना के लिए स्पेशल ड्रोन बनाया है जो बॉर्डर एरिया पर दुश्मन पर नजर रखने के काम के साथ साथ मैपिंग के लिए भी ड्रोन पर काम चल रहा है। इसके अलावा सर्विलांस के लिए, सेना के प्रयोग के लिए, सीमा पर जासूसी के लिए भी ड्रोन बनाएं है।
IIT कानपुर में तैयार हो रही है काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी
प्रो अभिषेक ने बताया, जिस तरह पिछले दिनों जम्मू में एयरपोर्ट पर हुए ड्रोन हमले के बाद सरकार ने ऐसे हमलों को काउंटर करने के लिए आईआईटी कानपुर से सुझाव मांगे थे। ऐसे हमलों को काउंटर के लिए स्पेशल ड्रोन टेक्नोलॉजी पर हम लोगों ने काम शुरू भी कर दिया है। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है और इसकी टेस्टिंग हम लोग कर रहे है। मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स ने आईआईटी में सेंटर फॉर ड्रोन बनाने के लिए पिछले साल प्रस्ताव मंगा था, जिसमे दो बार संसोधन करके वापस अप्रूवल के लिए भेजा जा चूका है। मिनिस्ट्री ने खासतौर पर इस सेंटर में काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी को डवलप करने के लिए कहा था।
जल्द शुरू हो सकते हैं ड्रोन से जुड़े कोर्स
प्रो अभिषेक ने बताया, अभी हमारा एक प्रोग्राम इंडियन एयर फोर्स के साथ चल रहा है, जिमे हम लोग उन्हें ड्रोन टेक्नोलॉजी समझा रहे है, साथ ही उनके हिसाब से जैसा ड्रोन उनको चाहिए वो डिजाईन किया जा रहा है। हम लोग ड्रोन इंडस्ट्री को और बढ़ावा देने के लिए जल्द ही आईआईटी व अन्य तकनीकी संस्थानों में ड्रोन से संबंधित कोर्स भी शुरू करने जा रहे है। इसको लेकर कई प्रस्ताव तैयार हुए हैं। जल्द ही अनुमति मिलने के आसार हैं।
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