छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। आरोप हैं कि एक गोल्ड मेडलिस्ट के बजाय कम अंक पाने वाले की भर्ती की गई है। पिछले दिन पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल से की गई। इस मामले में भर्ती में धांधली का आरोप है। कहा गया है कि मानकों को दरकिनार कर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की गई है।
राज्यपाल, कुलपति सहित रजिस्ट्रार से की हेर फेर की शिकायत
शिक्षको की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी पर आवाज इंटरव्यू देने वाले दूसरे अभ्यर्थियों ने ही उठाई है। अंग्रेजी और आधुनिक यूरोपीय और अन्य विदेशी भाषा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की लिए इंटरव्यू हुआ था। जिसमें अभ्यर्थी प्रियंका सिंह ने शिक्षक भर्ती पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया की राज्यपाल के साथ कुलपति और रजिस्टार से भी पूरे मामले की शिकायत की है। आपको बता दें सीएसजेएमयू में 3 से 8 जनवरी के बीच विभिन्न विभागों में शिक्षक नियुक्ति हेतु साक्षात्कार हुआ था। वहीं 28 जुलाई को असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था।
इंटरव्यू के नंबर में भेदभाव का लगाया आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि वे सीएसजेएमयू के उसी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर संविदा पर तैनात है। उनका कहना है 12 जनवरी को चयनित लोगों की लिस्ट जारी होने थी, लेकिन आचार संहिता के कारण 8 जनवरी को ही लिस्ट सार्वजनिक कर दी गई। अभ्यर्थियों का आरोप है कि इंटरव्यू में नंबर मानक के विपरीत दिए गए हैं। जिससे लिखित परीक्षा में टॉप वाला अभ्यर्थी बाहर हो गया ।जबकि इंटरव्यू में मानक से अधिक नंबर देकर लोगों को जबरन पास किया गया। प्रियंका सिंह ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सात नंबर कम देने का आरोप लगाया है। प्रियंका सिंह का दावा है कि वह बीएचयू से गोल्ड मेडलिस्ट है।
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