कानपुर के चौबेपुर के पनऊपुरवा हत्याकांड में 28 घंटे बाद चौबेपुर थाने में मंगलवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई। मृतक की बहू की तहरीर पर पुलिस ने वारदात के वक्त वहां मौजूद और शह देने वाले थाने के दो दरोगा, ग्राम प्रधान और उसके पिता के साथ ही 10 नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। प्रधानी के चुनाव की रंजिश में हत्याकांड को अंजाम दिया गया है।
बता दें कि पुलिस के सामने सोमवार देर रात एक परिवार पर गांव के ही दूसरे परिवार ने हमला कर दिया था। चापड़ और कुल्हाड़ी से दरवाजा तोड़कर घर में घुसे दबंगों ने बुजुर्ग दंपति समेत परिवार के अन्य सदस्यों को दौड़ा-दौड़ा कर लाठी-डंडा और धारदार हथियार से जमकर पीटा। पिटाई से बुजुर्ग की मौत हो गई, जबकि परिवार के छह लोग घायल हो गए थे।
हत्याकांड में एक भी गिरफ्तारी नहीं
एसपी आउटर अष्टभुजा प्रसाद ने बताया कि मृतक आनंद कुमार कुरील की हत्या में उनकी बहू संदीपा की तहरीर पर बुधवार को एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें ग्राम प्रधान मनीष दीक्षित, प्रधान के पिता रामकुमार दीक्षित, श्रीकृष्ण के साथ ही उनके बेटे राजन, शोभित, गोविंद, भतीजा सुधीर, थाने के दरोगा व हल्का इंचार्ज गोपी कृष्ण अग्रवाल, दरोगा रोशन शेर बहादुर यादव समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद और दो अज्ञात सिपाहियों समेत अन्य के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। दरोगा और ग्राम प्रधान समेत सभी आरोपी फरार हैं।
अब IG करेंगे मामले की जांच
एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि मामले की जांच अब आईजी रेंज कानपुर को दी गई है। जांच के लिए तीन दिन का समय दिया गया था। आईजी मोहित अग्रवाल का ट्रांसफर हो गया है। नए आईजी प्रशांत कुमार के चार्ज संभालते ही अब वो मामले की जांच करेंगे। मामले में एक भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। इसलिए आईजी स्तर के अफसर को मामले की जांच दी गई है।
चुनावी रंजिश में हुई हत्या
तहरीर के मुताबिक प्रधानी के चुनाव में ग्राम प्रधान मनीष का समर्थन नहीं करने पर रंजिश पनपी थी। इसके बाद श्रीकृष्ण के परिवार ने आनंद पर हमला किया था। तब आनंद की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके बाद मुकदमा वापस लेने को लेकर आरोपी पक्ष दबाव बना रहा था। इसी रंजिश में ग्राम प्रधान और उसके पिता ने श्रीकृष्ण के परिवार के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
पीट-पीट कर नहीं कुल्हाड़ी से हुई थी हत्या
चौबेपुर थाना प्रभारी केएम राय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीट-पीट कर नहीं बल्कि कुल्हाड़ी से आनंद कुरील की हत्या की गई है। सिर पर धारदार हथियार से चोट लगने से मौत हुई है। इसके साथ ही शरीर पर एक दर्जन से ज्यादा धारदार हथियार से चोट के निशान सामने आए हैं।
पीड़ित परिवार को ही उठा ले गई थी पुलिस
मंगलवार सुबह एसपी आउटर और सीओ समेत अन्य अफसर जांच करने पहुंचे। पीड़ित परिवार और गांव के लोगों ने बताया कि थाने के दरोगा शेर बहादुर और गोपी के सामने पूरी घटना हुई। पुलिस आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाए मृतक के भाई समेत परिवार के अन्य लोगों को उठा ले गई और जमकर पीटा। पीड़ित परिवार ने आरोपियों के साथ दोनों दरोगा पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी
कार्रवाई के बजाय पुलिस बना रही थी समझौते का दबाव
मृतक के बेटे रवि शंकर ने बताया कि 26 जून को मारपीट करने पर चौबेपुर थाने में श्रीकृष्ण समेत अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देने और एससी एसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस इसके बाद से लगातार कार्रवाई करने के बजाय मामले में समझौते का दबाव बना रही थी। पुलिस ने धमकी दी थी कि समझौता नहीं किया तो किसी झूठे मुकदमे में जेल भेज दिए जाओगे। इसी के चलते आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए और मामला हत्याकांड तक पहुंच गया।
दबंगों और पुलिस की दहशत से छोड़ दिया था गांव
मृतक आनंद के दो बेटे रवि शंकर और अमित कुमार हैं। रवि ने बताया कि चार महीने पहले एफआईआर दर्ज कराई तो दबंगों के साथ ही पुलिस समझौते का दबाव बना रही थी। आरोपी आए दिन बेवजह मारपीट और गाली-गलौज करते थे। दहशत के चलते दोनों भाइयों ने गांव छोड़ दिया था। कल्याणपुर में किराए का कमरा लेकर रहने के साथ ही रिश्तेदारों के यहां शरण ली थी। हत्याकांड के बाद से दोनों भाई और पूरा परिवार दहशत में है।
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