कानपुर के चिड़ियाघर में परिवार के साथ घूमने आई टीचर (40) की टॉय ट्रेन से कटकर मौत हो गई। ट्रेन में चढ़ने के दौरान टीचर प्लेटफॉर्म के पिलर से टकराकर गिर गईं। परिजन और जू प्रशासन आनन-फानन में उन्हें लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे।जहां डॉक्टरों ने टीचर को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि महिला ट्रेन में बैठने के दौरान पिलर से फंसकर ट्रेन के पहिया के नीचे आ गई।
बेटी अदिति ने रोते हुए बताया, "हम चार लोग चिड़ियाघर घूमने आए थे। मैं, पापा, भाई टॉय ट्रेन में चढ़ गए थे। मम्मी आ रही थीं। इस दौरान बीच में एक खंभा था। वह उससे टकरा कर नीचे गिर गईं। धीरे-धीरे ट्रेन चलने लगी। मम्मी के ऊपर ट्रेन चढ़ गई। मैं चिल्लाई ट्रेन रोको-रोको, मगर ड्राइवर ने नहीं रोका।"
पुलिस के मुताबिक, टीचर का नाम अंजू शर्मा (40) है। महिला प्राइमरी स्कूल की टीचर थी। महिला के पति सुबोध शर्मा, बेटे अविरल और अदिति के साथ जू आई थी। मामले में जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चकेरी सफीपुर की रहने वाली अंजू शर्मा शिक्षिका थीं। पति सुबोध शर्मा एयरफोर्स से रिटायर होने के बाद सेंट्रल बैंक में क्लर्क की नौकरी कर रहे हैं। पति सुबोध ने बताया, "वह पत्नी और दोनों बच्चों अदिति और अखिल के साथ चिड़ियाघर घूमने गए थे। चिड़ियाघर की टॉय ट्रेन में पूरा परिवार बैठ रहा था। इस दौरान ड्राइवर ने ट्रेन चला दी और वह प्लेटफॉर्म के पिलर से टकराकर ट्रेन के नीचे आ गईं। हादसे में अंजू शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गईं। बेटी ने ट्रेन रुकवाने के लिए शोर मचाया। मगर, ड्राइवर ने टॉय ट्रेन नहीं रोकी।"
परिजनों ने आरोप लगाया है कि चिड़ियाघर प्रशासन की लापरवाही से शिक्षिका की मौत हुई है। बेटी चीखती रही चिल्लाती रही, लेकिन ड्राइवर ने इतने झटके से ट्रेन बढ़ाई की महिला की मौत हो गई।
चिड़ियाघर में हादसों की टॉय ट्रेन
कानपुर चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन से हादसे का यह कोई पहला मामला नहीं है। बाल ट्रेन शुरू होने के बाद सवारियों से भरी टॉय ट्रेन को इतनी तेज भगाया था कि ट्रेन पलट गई थी। इसके बाद समय-समय पर बाल ट्रेन से हादसे होते रहे। चिड़ियाघर प्रशासन पर टॉय ट्रेन के प्रति बरती गई लापरवाही शनिवार को भारी पड़ गई और शिक्षिका की मौत हो गई।
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