देश में कोरोना की तीसरी लहर में मिलने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है। आने वाले समय में यह लहर देश में लगभग न के बराबर रह जाएगी और अगले 6 से 7 महीनों तक कोरोना की कोई लहर नहीं आएगी। यह दावा आईआईटी कानपुर के प्रो राजेश रंजन ने किया है। उनका कहना है, जितने भी केस तीसरी लहर में आने थे वो आ चुके है, जिस तरह से केसों की संख्या रोजाना घाट रही है उसे देखते हुए अब देश में कोरोना की कोई नई लहर नहीं आएगी। साथ ही कोरोना अब कॉमन फ्लू की तरह रह जाएगा। यह सब बातें आईआईटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो राजेश रंजन ने भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताई।
देश में कोरोना की कोई नई लहर फिलहाल अभी नहीं...
जब तक कोई नया वेरिएंट या म्युटेंट नहीं आता तब तक कोई खतरा नहीं, यह कहना है आईआईटी के प्रो राजेश रंजन का। उन्होंने बताया, देश के अधिकांश हिस्से में संक्रमण के मरीज घट रहे है उसे देखते हुए जल्द ही तीसरी लहर खत्म हो जाएगी। जैसा मैंने आकलन किया था कि फरवरी के अंत तक देश में रोजाना सिर्फ 40 से 50 हजार केस ही आएंगे और नए केसों के बढ़ने की आशंका भी कम है।
ओमीक्रोन बीए 2 से ज्यादा खतरा नहीं...
प्रो राजेश ने बताया, ओमीक्रोन का सब वेरिएंट ही है बीए 2, ओमीक्रोन पहले ही आ चुका है और यह डेल्टा के मुकाबले काफी माइल्ड रहा। इससे लोग संक्रमित तो हुए लेकिन यह घातक साबित नहीं हुआ। इसी तरह जब बीए 1 के बाद बीए 2 आया तो कई जानकारों ने बताया की यह बीए 1 से ज्यादा संक्रमित है और जानलेवा भी लेकिन अब तक इसका कोई भी प्रमाण देखने को नहीं मिला है। बीए 2 के चलते कोरोना की कोई नई वेव नहीं।
वैक्सीनेशन से मिली देश को राहत...
जिस तरह से देश में वैक्सीनेशन का प्रोग्राम चला है उसने कोरोना को काफी कमजोर कर दिया है। प्रो राजेश ने बताया, वैक्सीनेशन की वजह से ओमीक्रोन कमजोर पड़ गया, देश में अधिकतर लोगों को वैक्सीनेशन की पहली या दूसरी डोज लग चुकी है, इसी के चलते ओमीक्रोन इतना घातक साबित नहीं हुआ जितना हम लोग इसके आने से पहला सुन रहे थे।
कहीं सरकार सैंपलिंग तो कम नहीं करा रही...
प्रो राजेश का कहना है कि, सैंपलिंग के काउंट से असर नहीं पड़ता। हो सकता है की सरकार कम सैंपलों की जांचे कर रही हो लेकिन इसमें जब आप पॉजीटिविटी रेट देखेंगे तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में कोरोना की स्थिति क्या है। लोग इससे ठीक हो रहे है या ये और घातक होता जा रहा है। देखा जाए तो देश के अधिकतर राज्यों में पॉजीटिविटी रेट काफी कम हो गयी है जो काफी अच्छी बात है।
यह कोविड अब पंडेमिक नहीं एंडेमिक बन चूका है...
प्रो राजेश रंजन ने भी माना की कोरोना की तीसरी लहर के बाद कोरोना पंडेमिक था, लेकिन अब एंडेमिक बन चुका है। क्योंकि इस बीमारी का अंत करीब है और यह हमेशा के लिए हम लोगों के बीच ही रहेगी। संक्रमण वाले मरीजों की संख्या अब ज्यादा नहीं होगी। कोरोना जैसे वायरल फीवर, फ्लू या ऐसी ही कोई बीमारी बन कर रह गया है। जैसे स्पेनिश फ्लू आया था, उसमे कई लाख लोगों की जान गयी थी, लेकिन जब हम लोगों ने उस पर काबू पा लिया तो अब उसके साथ ही रहना पड़ रहा है।
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