कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए आईआईटी के इनक्यूबेटर इंडिया फाइबर संस्थान के पूर्व छात्र व ई-स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर डॉ. संदीप पाटिल, डॉ. सुनील ढोले व तुषार वाघ की मदद से सीडी ऑक्सी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार किया था। पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) के निर्देश पर ही ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने 5500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार करने का ऑर्डर दिया था। इसकी डिलीवरी जून के पहले हफ्ते में होनी थी, लेकिन ओएनजीसी ने इसमें कुछ टेक्निकल परिवर्तन करने को कहा था, जिसके बाद अब यह डिलीवरी के लिए तैयार है।
21 जून से शुरू होगी डिलीवरी, टारगेट रोजाना 150 से ज्यादा
प्रो डॉ. सुनील ढोले ने बताया, हम लोग 21 जून से इन कंसंट्रेटर की सप्लाई शुरू करेंगे। इसमें देरी की वजह टेक्निकल चीजें थी। हम लोगों का टारगेट रोजाना 150 से ज्यादा कंसंट्रेटर डिलीवरी करने का है। इस हिसाब से हम लोगों का टारगेट 5 जुलाई तक तकरीबन 2300 पहुंच जाएगा। साथ ही हम लोगों को कुछ बड़े ऑर्डर अन्य राज्याेंं और कॉर्पोरेट से भी मिले है, जिन्हें पूरा करना है। इन सभी का प्रोडक्शन पुणे में होता है।
यह टेक्निकल चेंज करना था, अब GPS करेगा ट्रैक
इस प्रोजेक्ट के हैड डॉ. संदीप पाटिल ने बताया कि, इस कंसंट्रेटर के प्रोडक्शन के लिए डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की संस्तुति मिल चुकी थी। पीएमओ की ओर से कंसंट्रेटर निर्माण में काफी सहयोग मिला है। हम लोगों को ऑर्डर मिलते ही इसका प्रोडक्शन शुरू कर दिया था और तय समय पर इसे ओएनजीसी को डिलीवर भी कर दिया जाता, लेकिन ओएनजीसी की तरफ से इन कंसंट्रेटर में जीपीएस सिस्टम लगाने की मांग आई। जिसके कारण इन्हेंं डिलीवर नहीं किया। अब सभी कंसंट्रेटर में यह सिस्टम लग चुका है और लगभग तीसरे हफ्ते से हम इसकी डिलीवरी शुरू कर देगे। कंसंट्रेटर में जीपीएस सिस्टम लगने से यह पता चल पाएगा कि यह किस अस्पताल में लगा है और इसका प्रयोग किस तरह किया जा रहा है।
मरीज के ऑक्सीजन लेवल के हिसाब से काम करता है यह कंसंट्रेटर
इनक्यूबेटर कंपनी इंडिया फाइबर के डॉ. सुनील ढोले ने बताया कि काफी दिनों ऐसे लाइटवेट कंसंट्रेटर पर रिसर्च कर रहे थे। यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हम लोग इंडियन आर्मी के लिए तैयार कर रहे थे, लेकिन अचानक कोविड की दूसरी लहर को देखते हुए हमने इसे हॉस्पिटल्स के लिए तैयार करना शुरू कर दिया। यह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उन मरीजों के लिए फायदेमंद है, जिनका ऑक्सीजन लेवल 80 से 90 के बीच होता है। यह कंसंट्रेटर कोरोना मरीज की मांग के अनुरूप 8 से 10 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट तैयार किया जाता है। जबकि वर्तमान में आ रहे अधिकांश ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रति मिनट 5 लीटर ऑक्सीजन ही तैयार करते हैं।
देश के 1200 से ज्यादा अस्पतालों में कर चुके हैं सप्लाई
डॉ. सुनील ढोले ने बताया, हम लोगों द्वारा बनाए गए वेंटिलेटर इस समय देश के अलग-अलग 12 सौ से भी ज्यादा अस्पतालों में लगे हुए हैं। इन वेंटीलेटर के निर्माण में हम लोगों इस बात का खास ध्यान रखा कि कम लागत में वर्ल्ड क्लास वेंटिलेटर कैसे तैयार किए जाए। इन वेंटीलेटर के पार्ट्स को महाराष्ट्र के अलग अलग जिलों में डेवलप करके पुणे की केमडिस्ट मेम्ब्रेन सिस्टम्स में असेम्बल किया जाता है।
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