कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को लेकर इंतजार और बढ़ता जा रहा है। नवंबर-2021 में इसका जहां निर्माण शुरू किया जाना था, लेकिन चुनाव बाद ही निर्माण शुरू होने की उम्मीद है। टेंडर की कई बार डेट बढ़ने के बाद अब एनवायरमेंट क्लीयरेंस भी मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज ने होल्ड कर दी है। इससे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में देरी होना तय है।
लखनऊ में 4 हेक्टेअर फॉरेस्ट लैंड
NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएन गिरी ने बताया कि एक्सप्रेस-वे जहां-जहां से गुजरेगा, वहां रिजर्व और प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट लैंड दोनों हैं। लखनऊ में जहां से एक्सप्रेस-वे रिंग रोड से जुड़ेगा, वहां करीब 4 हेक्टेअर फॉरेस्ट है। इसके अलावा एलीवेटेड रोड के साइड में बाइडनिंग में भी प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट लैंड है। इस वजह से एनवायरमेंट क्लीयरेंस जरूरी है। डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर से दोबारा NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) के लिए रिपोर्ट मंत्रालय भेजी जाएगी।
अडानी, जीएमआर समेत कई कंपनियां इंट्रेस्ट
प्रोजेक्ट डायरेक्टर के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के लिए टेक्निकल बिड दिसंबर के लास्ट तक खुलेगी। निर्माण के लिए अडानी, जीएमआर, जीआर, ओरियंटल समेत कई बड़ी कंपनियां अपना इंट्रेस्ट दिखा चुकी है। टेक्निकल बिड की जांच में करीब 1 माह लगेगा। इसके बाद फाइनेंशियल बिड खुलेगी। फिर निर्माण शुरू होगा।
चुनाव बाद शुरू हो सकता है काम
अभी तक एक्सप्रेस-वे के लिए टेंडर भी नहीं खुले हैं। पहले अक्टूबर तक निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी थी। अब चुनाव के बाद ही काम शुरू होने की उम्मीद है। बता दें कि एक्सप्रेस-वे में छह लेन की सड़क होगी, लेकिन फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर 8 लेन के बनाए जाएंगे।
शहीद पथ लखनऊ से बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेन एलीवेटेड रोड बनेगा। इसके बाद बनी से उन्नाव होते हुए आजाद चौराहा तक रोड 6 लेन होगी। इसे कानपुर रिंग रोड और गंगा बैराज मार्ग और उन्नाव-लालगंज हाईवे से भी जोड़ा जाएगा।
नीचे नेशनल हाईवे और ऊपर एक्सप्रेस-वे
देश में ऐसे बहुत कम राज्य हैं। जहां नीचे नेशनल हाईवे और उसके ऊपर एक्सप्रेस-वे बना हो। सरकार कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को एनई-6 घोषित भी कर चुकी है। जबकि नीचे से नेशनल हाईवे-27 होकर गुजरेगा। 62.755 किमी. का पूरा एक्सप्रेस-वे एलिवेटेड 6 लेन बनाया जाएगा। उन्नाव में ही टोल वसूला जाएगा।
ऐसा होगा एक्सप्रेस-वे
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