अलकायदा के आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन उर्फ मुशीर की लखनऊ से बीते रविवार को गिरफ्तारी के बाद से कानपुर के 8 इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के फोन बंद जा रहे हैं। ये सभी आतंकियों से मिले थे और उनकी आतंकी गतिविधियों का हिस्सा बन चुके थे। ये कहां हैं, इसकी कोई लोकेशन भी नहीं है। मिनहाज ने खुलासा किया है कि वह अंसार गजवातुल हिंद (AGH) का नेटवर्क फैलाने के लिए इंजीनियरिंग स्टूडेंट को रिक्रूट करता था। ATS तीन दिन पहले मिली फोन की लास्ट लोकेशन पर काम कर रही है।
वहीं, ATS आतंकियों और धर्मांतरण के मामले 21 जून को लखनऊ से गिरफ्तार मौलाना उमर गौतम के बीच कनेक्शन को तलाश रही है। कारण, मौलाना उमर गौतम मूक-बधिर बच्चों का ब्रेन वॉश कर उनका इस्तेमाल मानव बम की तरह करने की फिराक में था।
जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं साथ मिलकर यह दोनो आतंक के खेल को आगे तो नहीं बढ़ा रहे थे? ATS ने एक महीने पहले इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) के संचालक उमर गौतम और उसके साथी जहांगीर कासमी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। जांच में आमने आया था कि यह संगठन विशेषकर हिंदू मूक बधिर बच्चों और अन्य का ब्रेनवाश करके उनका धर्मांतरण करा रहा था।
केरल कनेक्शन पर बढ़ा शक
दरअसल, धर्मांतरण गिरोह के तार केरल के चरमपंथी संगठन से जुड़े पाए गए हैं। केरल के फोन नंबरों से काल करके युवाओं को धर्मांतरण के लिए बरगलाया जाता था। गिरोह का सरगना उमर गौतम फतेहपुर का निवासी है। अलीगढ़, कानपुर और लखनऊ में उसके गिरोह का काफी नेटवर्क सामने आया है। इसी तरह अलकायदा आतंकियों के तार भी इन्हीं जिलों से जुड़े मिले हैं। उनके यहां आने-जाने के सुबूत भी मिल चुके हैं। एटीएस पता लगाने की कोशिश में है कि अलकायदा आतंकी जिस मानव बम का प्रयोग करने वाले थे, उसे तैयार करने की जिम्मेदारी कहीं उमर गौतम को तो नहीं दी गई थी?
बकरीद से पहले होनी थी बड़ी बैठक
ATS सूत्रों के मुताबिक, मिनहाज और मसीरुद्दीन ने कमांडर शकील के कहने पर पूरे लखनऊ शहर की रेकी की थी। धमाके के लिए भीड़-भाड़ वाली जगह और प्रमुख मंदिर चुने गए थे। धमाका करने से पहले बकरीद से पहले बड़ी बैठक की तैयारी की जा रही थी। यह जानकारी एटीएस को मिनहाज के सोशल मीडिया अकाउंट से मिली है। बैठक की जानकारी चुनिंदा लोगो को आठ घंटे पहले प्लान देने के लिए तैयार किया था। मीटिंग प्वाइंट की जानकारी भी एटीएस को हो गई है। बैठक में ही टास्क भी देने की योजना थी। लेकिन उससे पहले ही दोनों आतंकी पकड़े गए। हालांकि अभी कमांडर शकील फरार है।
गुमशुदा लोगों की इन प्वाइंट्स पर मांगी गई जानकारी
एटीएस ने डीसीआरबी से बीते पांच साल में गुम हुए लोगों की जानकारी मांगी है। एटीएस सूत्रों की माने तो अलकायदा से बने संगठन गजवातुल हिंद में वही लोग शामिल हो रहे हैं, जो घर से भागने के बाद रास्ता भटक गए हैं।
सर्विलांस पर असम के प्री एक्टिवेट सिमकार्ड
यह भी सामने आया है कि आतंकियों को प्री एक्टिवेट सिम कानपुर से मिले थे। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि ये सिम कार्ड असम से प्री-एक्टिवेट उन 10 हजार से ज्यादा सिमकार्ड में से हो सकते हैं, जिनको उप्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में खपाने का राजफाश पिछले दिनों कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने किया था। सर्विलांस के जरए इसकी जांच भी शुरू हो गई है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.