बंगाल के मालदा में ड्यूटी के दौरान नदी तस्करों से भिड़ंत के बाद शहीद होने वाले बीएसएफ के जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार दोपहर को दिल्ली पहुंच गया। अब वहां से सेना के जवान और परिवार के लोग पार्थिव शरीर लेकर कानपुर आ रहे हैं। देर शाम शव घर पहुंचने के लिए अंतिम संस्कार शनिवार सुबह भैरव घाट पर होगा। जिला प्रशासन की ओर से अंतिम दर्शन से लेकर अंतिम संस्कार कराने की तैयारी घर पर की जा रही है।
शहीद का भैरव घाट पर राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
शहीद बीएसएफ के जवान शैलेद्र दुबे के भाई आदेश ने बताया कि दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट से पार्थिव शरीर पहुंच गया। बीएसएफ की 25वीं बटालियन हेडक्वार्टर दिल्ली में राजकीय सम्मान देने के बाद पार्थिव शरीर को घर के लिए रवाना किया गया। पत्नी मीनू और बच्चों के साथ परिवार के अन्य लोगों वहां पर पहुंचे। इसके बाद सेना के वाहन से पार्थिव शरीर कानपुर नौबस्ता मछरिया स्थित घर के लिए रवाना हो गया है। देर शाम कानपुर शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचेगा। इधर घर पर शहीद की अंतिम विदाई को लेकर जिला प्रशासन के साथ ही मोहल्ले और आसपास के लोगों ने घर पर तैयारियां पूरी की है।
एसीएम फर्स्ट आरपी वर्मा, नौबस्ता थाना प्रभारी समेत अन्य अफसर घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। पिता संतोष दुबे और मां रानी रो-रो कर बेहाल हो गईं हैं। परिवार के लोग और रिश्तेदारों ने दोनों को किसी तरह संभाला।
माता-पिता की हालत बिगड़ी
बीएसएफ जवान शैलेंद्र के शहादत की सूचना मिलते ही पिता संतोष दुबे, मां रानी रो-रो कर बेहाल हो गई हैं। शैलेद्र के दोनों भाई आदेश और अमित ने परिवार के लोगों को किसी तरह संभाला। शहादत की जानकारी मिलते ही सिर्फ शैलेंद्र के घर में ही नहीं पूरे मछरिया नौबस्ता में शोक की लहर दौड़ गई। घर के बाहर मोहल्ले और आसपास के लोगों की भीड़ पहुंच गई। परिवार के लोगों को सभी ने सांत्वना देकर संभालने का प्रयास किया।
बंगाल में शहीद हुए बीएसएफ के जवान शैलेंद्र
नौबस्ता मछरिया में रहने वाले रिटायर दरोगा संतोष कुमार दुबे का बेटा शैलेंद्र कुमार दुबे (36) बंगाल के मालदा जिले के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 78वीं वाहिनीं में तैनात थे। बीएसएफ की ओर से बताया गया कि यह घटना 78वीं वाहिनीं की सीमा चौकी चापघाटी इलाके की है। जब 12 अक्टूबर की रात लगभग 11.30 बजे बहादुर जवान शैलेन्द्र दुबे, ड्यूटी के दौरान शहीद हुए।
अफसरों का कहना है कि हादसे में नदी में डूबकर शैलेंद्र शहीद हुए। जबकि उनके दोस्तों ने फोन पर बताया कि शैलेंद्र नदी पर तस्करों से भिड़त हुई और तस्करों ने उन्हें नदी में डुबोकर मार डाला। 23 घंटे सर्च अभियान के बाद जवान का शव नूरपुर सीमा चौकी के पास मिला।
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