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हमारे शहर इतने गंदे कि टॉप-10 में एक भी नहीं:लखनऊ 12 नंबर पर बरकरार, वाराणसी 30 वें स्थान पर फिसला...आगरा, प्रयागराज भी पिछड़े

कानपुर2 वर्ष पहले
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मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स द्वारा देश के 4203 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की स्वच्छता रैंकिंग जारी कर दी गई। - Dainik Bhaskar
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स द्वारा देश के 4203 शहरों में स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की स्वच्छता रैंकिंग जारी कर दी गई।

केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी कर दी है। उत्तरप्रदेश के शहरों का ये हाल है कि टॉप-10 में एक भी शहर नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी सफाई के मामले में 27 से 30 वें नंबर पर पहुंच गया है। ऐसे ही प्रयागराज 20 से 26 वें और आगरा 16 से 24 वें पायदान पर लुढ़क गया है। राजधानी लखनऊ पिछली बार की तरह इस बार भी 12 वें स्थान पर है। कानपुर की रैंकिंग 24 वें से 21 हुई है और गाजियाबाद 19 वें नंबर से एक पायदान ऊपर 18 पर पहुंचा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर की रैंकिंग 111 नंबर पर है।

शहरदेश में रैंकिंगप्रदेश में रैंकिंगस्कोर
लखनऊ1214586.17
गाजियाबाद1824220.90
कानपुर2133847.67
आगरा2443715.53
प्रयागराज2653613.72
मेरठ2763598.23
वाराणसी3073532.15

7 फोटो में देखें वाराणसी की स्वच्छता की हकीकत

इसलिए पिछड़ रहे हैं शहर
घर-घर से कूड़ा उठान की व्यवस्था प्रदेश के कई शहरों में लागू नहीं है। यही कारण है कि यूपी के सभी शहर देश में स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ रहे हैं। यूपी के 17 निकाय क्षेत्रों में कानपुर, लखनऊ और गाजियाबाद का प्रदर्शन देश में कुछ ठीक रहा। टॉप शहरों में 50 परसेंट तक डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन नहीं हो पा रहा है।

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इंदौर, सूरत के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते हमारे शहर
उत्तरप्रदेश के शहर अन्य राज्यों के शहरों की सफाई के मुकाबले कहीं नहीं ठहरते। देश में नंबर एक इंदौर ने अपने ट्रेंचिंग ग्राउंड पर गोल्फ कोर्स बना दिया है। सूरत में गंदे पानी को ट्रीट करके सालाना 120 करोड़ रुपए की आय हो रही है। इन शहरों में सफाई के लिए बीते 10 सालों से काम चल रहा है।

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