सुप्रीम कोर्ट में आज ख़ुशी दुबे मामले की सुनवाई हुई। जिसमें खुशी की तरफ से जमानत दिये जाने को लेकर कई दलीलें दी गयी। दो सदस्यीय बेंच ने बचाव पक्ष की सुनवाई करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। आज की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूरी की गई। ख़ुशी दुबे की तरफ से सुप्रीमकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्य सभा सांसद विवेक तनख़ा ने अपना तर्क रखा।
सुप्रीमकोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने की सुनवाई
बिकरु कांड में जेल में बंद नाबालिग खुशी दुबे की जमानत पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी। सुप्रीमकोर्ट की दो सदस्यीय बेंच में पूरा मामला सुना गया। जस्टिस अब्दुल नज़ीर एवं जस्टिस कृष्णा मुरारी की पीठ में सुनवाई में खुशी के वकीलों ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद यूपी सरकार को नोटिस इशू किया गया है।
हाई कोर्ट के फैसले को दी गयी है चुनौती,
ख़ुशी दुबे की हाई कोर्ट में जमानत याचिका ख़ारिज हो गयी थी। इसके खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में अपील की गई है। हाई कोर्ट में लगभग 6 महीने की सुनवाई के बाद जस्टिस जे जे मुनीर की कोर्ट में जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गयी थी। उसके बाद सुप्रीमकोर्ट में जमानत को लेकर अपील की गई है।
जमानत सुनवाई में पाँच अधिवक्ता हुये शामिल,
ख़ुशी दुबे की जमानत याचिका में सुनवाई के दौरान मुख्य अधिवक्ता विवेक तनख़ा के साथ उनके सहयोगी समीर सोढ़ी, वरुण तनख़ा, दीपक बाजपाई और शिवकांत दीक्षित शामिल हुये। सुनवाई के दौरान विवेक तनख़ा ने अपनी मजबूत दलीलें दी, जिसमें नाबालिग़ की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट की कई जजमेंट का भी जिक्र भी किया गया।
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