मंगलवार को भी हैलट में इलाज के लिए मरीज-मरीज दर भटकने को मजबूर रहे। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर (नीट पीजी) की काउंसलिग में विलंब के विरोध में जूनियर रेजीडेन्ट (जेआर) की राष्ट्रव्यापी हड़ताल 11वें दिन मंगलवार को भी जारी रही। ओपीडी में करीब 4 से 5 पर्चे बनने के बाद काउंटर को बंद करा दिया गया। पुराने मरीजों को डॉक्टरों ने ओपीडी में चेकअप किया।
इमरजेंसी सेवाएं अभी चालू
मंगलवार को दिनभर एलएलआर (हैलट) इमरजेंसी की सेवाएं ठप किए जाने को लेकर चर्चाएं होती रहीं। फिलहाल डॉक्टरों की शांतिपूर्ण हड़ताल चल रही है। डॉक्टरों में जिस तरह से आक्रोश बढ़ रहा है। उससे ये साफ है कि कभी हैलट हॉस्पिटल में इमरजेंसी सेवाएं ठप की जा सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो मरीजों की जान पर संकट खड़ा हो जाएगा।
ऑपरेशन पूरी तरह बंद
मेडिकल कालेज के जेआर 11वें दिन भी इमरजेंसी के बाहर धरने पर डटे हैं। हड़ताल की वजह से रूटीन के आपरेशन नहीं हो रहे हैं। इमरजेंसी में मरीजों का इलाज और भर्ती दोनों हो रही है। ओपीडी और इनडोर के वार्ड में कंसल्टेंट के साथ सीनियर रेजीडेंट (एसआर), नान पीजी जूनियर रेजीडेंट (एनपीजी) और इंटर्न छात्र ड्यूटी कर रहे हैं। फिर भी जेआर-टू और जेआर-थ्री के कार्य बहिष्कार से एलएलआर अस्पताल की चिकित्सकीय सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
ये है पूरा मामला
जूनियर डॉक्टर्स की डिमांड है कि नीट पीजी की काउंसिलिंग जल्द की जाए। काउंसिलिंग न होने से नए डॉक्टर नहीं आ पा रहे हैं और जेआर के ऊपर वर्कलोड बढ़ता जा रहा है। जेआर-3 पासआउट होकर चले भी गए हैं और मौजूदा जेआर-1 और 2 आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश जूनियर रेजीडेंट एसोसिएशन (यूपी आरडीए) के अध्यक्ष डा. विनय कुमार ने बताया कि सरकार को निर्णय लेना होगा।
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