इनकम टैक्स टीम ने सोमवार को कानपुर की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में इत्र कारोबारी पीयूष जैन को पेश किया। एक घंटे तक सुनवाई चली। उसके बाद कोर्ट ने पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। कारोबारी के वकील ने कोर्ट में टैक्स चोरी पर 52 करोड़ पैनाल्टी भरने का प्रार्थना-पत्र भी दिया है। मामले में अगली सुनवाई अब जनवरी में कोर्ट खुलने के बाद होगी।
पीयूष जैन के ठिकानों पर डीजीजीआई की छापेमारी सोमवार को पूरी हो गई। जांच के दौरान पीयूष के कानपुर के आनंदपुरी स्थित घर से 177.45 करोड़ रुपए कैश मिला था। पूछताछ के दौरान पीयूष इसका कोई भी ब्योरा नहीं दे सके थे। इसके बाद टीम ने कन्नौज स्थित उनके पैतृक आवास और फैक्ट्री में छापेमारी की तो 17 करोड़ रुपए कैश और मिले। कुल 194.45 करोड़ कैश बरामद हुआ।
इसके अलावा 23 किलो सोना और 6 करोड़ कीमत की 600 किलो चंदन की लकड़ी भी बरामद हुई है। कार्रवाई पूरी करने के बाद पीयूष को गिरफ्तार करने के साथ ही कोर्ट में पेश किया गया। जहां से पीयूष को 14 जेल भेज दिया गया।
अफसरों ने रिमांड नहीं मांगी
डीजीजीआई ने पीयूष जैन को रविवार रात को गिरफ्तार कर लिया था। सुनवाई के दौरान डीजीजीआई के अफसरों ने रिमांड नहीं मांगी, क्योंकि पीयूष पर पांच साल से कम सजा का अपराध अब तक की जांच में पाया गया है। ऐसे में सिर्फ विशेष केस में ही कोर्ट रिमांड देता है। पीयूष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय ने कोर्ट में 52 करोड़ रुपए टैक्स चोरी पर पैनाल्टी जमा करने के लिए कोर्ट में प्रार्थना-पत्र दिया है। अब 1 जनवरी के बाद कोर्ट खुलने पर अगली सुनवाई होगी। इसके बाद पीयूष की जमानत पर सुनवाई होगी।
पांच साल से कम की हो सकती है सजा
पीयूष के घर से करोड़ों रुपए कैश की बरामदगी और फिर सोने-चांदी के जेवरात समेत अकूत धन बरामद होने के बाद भी इस केस में महज पांच साल से कम की सजा का प्रावधान है। पीयूष के वकील ने बताया कि पांच साल से कम सजा का अपराध होने के चलते डीजीजीआई की टीम ने रिमांड के लिए अर्जी नहीं दी।
कोर्ट सिर्फ विशेष परिस्थिति में ही पांच साल से कम सजा के मामले में रिमांड अर्जी स्वीकार करता है। उनका कहना है कि पीयूष को डीजीजीआई की टीम ने कोर्ट की बगैर अनुमति 24 घंटे से ज्यादा हिरासत में लेकर नियमों का उल्लंघन किया है।
अखिलेश बोले- सत्ता में रहने वाले करप्शन से पैसा कमाते हैं
रिमांड मिली तो पीयूष से एक बार फिर पूछताछ और जांच का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दूसरी तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पीयूष को भाजपा का एजेंट तो योगी ने ट्वीट करके पीयूष को सपा का आदमी बताया है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लिखा, ' उप्र के माननीय सत्ताधारी कह रहे हैं कि जो सत्ता से दूर है उसके पास पैसे कहां से आए, इसका मतलब साफ़ है कि भाजपा मानती है कि सत्ता में रहने पर वो भ्रष्टाचार से पैसा कमाती है, वसूली से भी, ट्रांसफर-पोस्टिंग और बुल्डोजर का डर दिखाकर भी, चंदे और बोरी की चोरी से भी'
योगी बोले- यही पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सीएम योगी ने लिखा, ' जनता ने 5 वर्ष पूर्व जिन्हें सत्ता से बाहर किया था, आज भी उनके घरों से सैकड़ों करोड़ के नोट निकल रहे हैं। यह नोट खेत में पैदा नहीं हुए हैं। आज केंद्र व प्रदेश सरकार गरीबों को जो निशुल्क अनाज दे रही हैं, पहले गरीबों के अनाज का यही पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था।'
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