कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष (केडीए वीसी) अरविन्द सिंह पर भ्रष्टाचार और पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है। केडीए बोर्ड के पूर्व सदस्य और अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भाजपा राम लखन रावत ने केडीए वीसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रावत ने मामले की शिकायत सीएम योगी आदित्यनाथ से भी कर चुके हैं।
लोकायुक्त ने मांगी रिपोर्ट
रामलखन रावत ने मामले की शिकायत लोकायुक्त से भी की है। इस मामले में लोकायुक्त ने केडीए वीसी से 27 सितंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मामले में केडीए वीसी की तरफ से केडीए के अपर सचिव गुडाकेश शर्मा ने बताया, "रामलखन रावत और उनके साले पर केडीए द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है। दुर्भावना के चलते उनके द्वारा आरोप लगाए गए हैं। सभी आरोप गलत हैं।"
सरकारी रुपए के बर्बादी की शिकायत
रामलखन रावत केडीए बोर्ड के सदस्य रहे चुके हैं। रावत ने लोकायुक्त में परिवाद के माध्यम से आरोप लगाया कि केडीए वीसी अरविन्द सिंह ने भ्रष्टाचार, जनता से दुर्व्यवहार, सरकारी रुपए की बर्बादी करते हैं। कुल 11 शिकायतें की गई हैं। शिकायत की है कि पद और पावर का इस्तेमाल करके भ्रष्टाचार किया गया है। साथ ही उन्होंने गाड़ी पर फ्लैशर लाइट का भी यूज किया है। जिसके बाद दायर परिवार पर संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने नोटिस भेजा है।
चार पेजों में की शिकायत
मुख्यमंत्री से वीसी के खिलाफ चार पेज में लिखित शिकायत भी दी गई थी। शिकायत में कहा गया कि रिटायर्ड आर्मी के जवानों को ऑफिस की सुरक्षा में तैनात करने के बजाय खुद की सुरक्षा में तैनात किया गया है। सरकारी गाड़ी के साथ एक स्कॉर्ट बोलेरो वाहन में रिटायर्ड सेना के जवान चलते हैं।
केडीए वीसी को स्कॉर्ट रखने का अधिकार नहीं है। वीसी के पास जनता से मिलते तक का समय नहीं है। सीएम के सख्त निर्देशों के बाद भी ऑफिस में सुबह 10 से 12 बजे तक जनता दर्शन तक नहीं करते हैं।
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