कानपुर के एक स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान कलमा पढ़ाए जाने के मामले में मंगलवार को एसीएम तृतीय और बीएसए ने जांच की। दोनों पी रोड में बने फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल में मामले की जांच करने पहुंचे। इस दौरान 45 मिनट तक प्रबंधक और प्रधानाचार्य से पूरे प्रकरण पर सवाल-जवाब किए।
स्कूल प्रबंधन ने लिखित शपथपत्र देकर अनजाने में गलती होने की बात स्वीकार की। साथ ही आगे से ऐसा न होने की बात भी कही। बीएसए ने जो स्पष्टीकरण मांगा था, उसका जवाब देते हुए स्कूल ने प्रशासन से आने वाले समय में ऐसा न करने का शपथपत्र दिया है।
जांच के बाद नोटिस भी जारी किया गया
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रबंधन को तीन दिन में जवाब देने के लिए देर शाम नोटिस भी जारी कर दिया। स्कूल की मान्यता संबंधी अन्य बिंदुओं पर जांच पूरी होने के बाद बीएसए सुरजीत कुमार सिंह ने जांच रिपोर्ट एसीएम तृतीय जियालाल सरोज को दी है।
बीएसए सुरजीत ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने गलती मान ली है। उन्होंने भविष्य में शासन के नियमों और मानकों के अनुसार काम करने का आश्वासन दिया है।
सभी धर्मों का आदर करना बताते हैं बच्चों को
स्कूल प्रबंधक सुमित मखीजा और प्रधानाचार्य अंकिता यादव ने बताया, “दो विद्यालय फ्लोरेट्स इंटरनेशनल स्कूल वर्तमान में कक्षा प्री-प्राइमरी से कक्षा पांच तक और कक्षा छह से कक्षा आठ तक गांधी नगर, पी रोड में चल रहे हैं।”
उन्होंने आगे बताया, “शुरू से ही चारों धर्मों को एक समान मानते हुए सभी बच्चों को इसका महत्व बताया जाता रहा है। किस धर्म में कैसा आदर करते हैं और कैसे सभी धर्मों की प्रार्थना कराई जाती है, इसके बारे में बच्चों को सिखाते रहे हैं। आज-तक किसी भी अभिभावकों ने मुस्लिम प्रार्थना बंद करने को नहीं कहा।”
सभी प्रार्थनाएं अब बंद
प्रधानाचार्य ने बताया, “जिस दिन से विद्यालय में ये बवाल हुआ है, उस दिन से तत्काल प्रभाव से सभी प्रार्थनाएं बंद करा दी गई हैं। अब सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत को ही जारी रखा गया है।”
अंकिता यादव ने कहा, "मैं इतना कहना चाहती हूं कि विद्यालय के इस कार्य से यदि किसी व्यक्ति, समुदाय या धर्म को ठेस पहुंची है, तो विद्यालय प्रबंधन उसके लिए माफी मांगता है। भविष्य में इस प्रकार की कोई पुनरावृत्ति नहीं की जाएगी। समय-समय पर शासन और विभाग के द्वारा जारी आदेश और निर्देशों का पालन किया जाएगा।”
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.