चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कल्याणपुर स्थित साग-भाजी अनुभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राम बटुक सिंह ने किसानों के एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि आलू की बुवाई के लिए अक्टूबर का महीना ही सर्वोत्तम होता है। इसलिए किसानों को इसी महीने में आलू की बुवाई करनी चाहिए। इससे किसानों को फायदा होगा।
आलू में होते हैं कई पोषक तत्व
डॉ. राम बटुक ने बताया कि आलू में बहुत ही अच्छी मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी हैं। आलू में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल और विटामिंस आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। आलू में 79 फीसदी पानी तथा 17 फीसदी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। सफेद आलू में विटामिन सी व पोटैशियम पर्याप्त मात्रा में होता है। उन्होंने कहा कि आलू का वैश्विक उत्पादन 356 मिलियन टन जबकि भारत में 45 मिलियन टन उत्पादन होता है।
इस तरह करें आलू की बुवाई
उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि बुवाई के लिए आलू को कोल्ड स्टोर से एक-दो हफ्ते पहले निकाल कर बाहर रख लें। इसके बाद बीजों को शोधित कर बुवाई करें जिससे रोग लगने की संभावना कम रहती है। अगेती प्रजाति जैसे कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी ज्योति, कुफरी बाहर मध्यम प्रजातियां जैसे कुफरी सिंदूरी, कुफरी लालिमा और पछेती प्रजातियां जैसे कुफरी जवाहर एवं कुफरी बादशाह आदि हैं। अगर किसान वैज्ञानिक विधि से आलू की खेती करते हैं तो 20 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त होगा।
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