महाराजपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में घर के बाहर खेल रही पांच साल की बच्ची लापता हो गई। परिवार के लोगों ने काफी तलाश की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। अनहोनी की आशंका परिजनों के पूरे गांव के लोग बच्ची की तलाश में लग गए। घर से सौ मीटर दूर बच्ची के हाथ-पैर बंधे मिले और उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। उसने बताया कि चाचा ने उसके साथ ऐसा किया है। इसके बाद गांव के लोगों ने उसके चाचा को दबोचकर पुलिस के हवाले कर दिया। महाराजपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जेल भेज दिया।
गांव के लोगों की जागरूकता से बच्ची हैवानियत का शिकार होने से बची
महाराजपुर के सुबंशीखेड़ा गांव में रहने वाले किसान की पांच वर्षीय बेटी बुधवार रात नौ बजे घर के बाहर अकेले थी। बच्ची को अकेला देखकर अधेड़ उम्र के उसके पारिवारिक चाचा किशन ने उसका मुंह दबाकर बदनीयती से अगवा कर लिया। बच्ची के गायब होने की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया और पूरे गांव के लोग उसकी तलाश में जुट गए। जानकारी मिलते ही महाराजपुर थाने का भारी फोर्स भी गांव पहुंच गया और नाकेबंदी करके सर्च अभियान शुरू कर दिया। इसी बीच गांव के पास नाले किनारे से एक बच्ची के चीखने की कुछ आवाज सुनाई दी तो गांव के लोग उधर भागे। देखा कि बच्ची के हाथ-पैर गमछे से बंधे हुए थे। इसके साथ ही मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। बच्ची ने आपबीती बताई तो गांव के लोगों ने आरोपी को घेराबंदी करके दबोच लिया। जमकर पिटाई करने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। थाना प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी किसन के खिलाफ रेप का प्रयास, पाक्सो एक्ट, अपहरण समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज करके गुरुवार को उसे जेल भेज दिया गया। समय रहते बच्ची को तलाश लेने से हैवानियत का शिकार होने से बच गई।
शरीर पर मिले नाखून के निशान, मुंह में कपड़ा ठूंसने से घुट रहा था दम
ग्रामीणों व पुलिस की सजगता के चलते दरिंदे के चंगुल से मुक्त होने के बाद मासूम अपने मां से लिपटकर खूब रोई। मां ने जांच पड़ताल की तो उसके शरीर में कई जगह नाखून के निशान मिले। मुंह में कपड़ा ठूंसे होने और हाथ-पैर बांधने से वह बदहवास सी हो गई थी। बच्ची को भी मेडिकल कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
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