कानपुर नगर निगम में अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी कार्यों की फाइलों का सिस्टम बेहद लचर है। ठेकेदार, पार्षद से लेकर सामान्य लोग भी सरकारी फाइलों को लेकर हाथों में लेकर घूम रहे थे। इस लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने नया आदेश जारी किया है। कड़े निर्देश दिए हैं कि कोई भी फाइल विभागों में हाथों में लेकर नहीं घूमेगा।
फाइलों का ये है सिस्टम
सरकारी फाइलों के मूवमेंट के लिए एक पूरा सिस्टम बना हुआ है। किसी भी कार्य का प्रस्ताव पास होने के बाद उसकी फाइल तैयार होती है। इसके बाद जिस पटल की फाइल होती है, रजिस्टर में चढ़ाकर फाइल आगे अधिकारी को भेजी जाती है। ऐसे ही फाइल चलती है। इसके बाद फाइनली नगर आयुक्त के पास पहुंचती है और शाइन होने के बाद पेमेंट के लिए जाती है। फाइलें लेकर सरकारी कर्मचारी ही एक विभाग से दूसरे विभाग लेकर जाते हैं। लेकिन सेटिंग के चलते ठेकेदार खुद ही फाइलें लेकर घूमते थे और अधिकारियों से पास करा लेते थे।
इंजीनियरिंग विभाग में बड़ा खेल
नगर निगम के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में ठेकेदारों और पार्षदों का इस कदर बोलबाला है कि वे फाइलें खुद ही जोन से लेकर आते हैं और शाइन से लेकर मुहर तक खुद ही लगवाते हैं। कई बार पार्षद खुद ही नगर आयुक्त के पास सीधे फाइल लेकर चले जाते थे।
नगर आयुक्त के कड़े तेवर देखने के बाद चीफ इंजीनियर एसके सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय संखवार, लाइटिंग चीफ इंजीनियर आरके पाल और जोनल अफसरों समेत सभी अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिए हैं कि कोई भी फाइल विभागीय स्तर से ही जाएगी। ठेकेदार और अन्य व्यक्तियों के हाथ में फाइल जिसने भी दी, उस अधिकारी भी कार्रवाई की जाएगी।
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