लखनऊ के मुकाबले कानपुर में प्रॉपर्टी के रेट ज्यादा महंगे हैं। मगर कोविड के असर के चलते कानपुर का हाउस प्राइस इंडेक्स लगातार गिर रहा है। खरीदार भी बेहद कम हो गए हैं। शहर में हजारों फ्लैट बने खड़े हैं और हाउसिंग सोसाइटी में प्लॉट पड़े हैं, मगर इनके खरीदार बेहद कम हो गए हैं। वहीं, RBI ने जून में जारी की हाउस प्राइस इंडेक्स (HPI) में भी इसको लेकर चिंता जाहिर की है।
इस प्रकार आई कमी
बात करें ईयर 2020-21 के लास्ट क्वार्टर (जनवरी से मार्च) की तो HPI में 2019-20 के मुकाबले 1.2 प्वाइंट की कमी आई है। वहीं 2019-20 के क्वार्टर-4 में शहर में एचपीआई 173.5 था। जो अब करंट ईयर में घटकर 171.3 हो गया है। RBI के चीफ जनरल मैनेजर की ओर से रिपोर्ट जारी की गई है।
मार्केट में नहीं है डिमांड
रियल मार्केट एक्सपर्ट सुखविंदर सिंह के मुताबिक प्रॉपर्टी की कीमतों में बढ़ोत्तरी और रजिस्ट्री के आधार पर किया जाता है। कोविड के चलते कानपुर में तेजी से खरीदारों की कमी आई है। वहीं रेट भी लगातार गिर रहे हैं। सेकेंड वेव के बाद से अब तक ये कमी बरकरार है। वहीं निबंधन ऑफिस में भी लॉकडाउन के बाद से रजिस्ट्री में तेजी तो आई, लेकिन अब भी रोजाना रजिस्ट्री कराने वालों का आंकड़ा 20 से 22 तक सीमित है।
यूपी से हैं 2 शहर
RBI की रिपोर्ट में यूपी के 2 शहर कानपुर और लखनऊ को शामिल किया गया है। कानपुर के मुकाबले लखनऊ में लोग प्रॉपर्टी में ज्यादा इन्वेस्ट कर रहे हैं। यही कारण है कि लखनऊ के HPI में बीत साल के मुकाबले 2.9 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है। फाइनेंशियल ईयर 2020-21 के क्वार्टर-4 में 398.4 परसेंट रहा जबकि ये 2019-20 में 395.5 था।
इस प्रकार है हाउस प्राइस इंडेक्स
लखनऊ का हाउस प्राइस इंडेक्स
इन एरियाज में सबसे ज्यादा असर
इन शहरों की जारी हुई HPI
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