एसएससी एमटीएस की परीक्षा में सॉल्वर को रुपए लेकर छोड़ने के मामले में रावतपुर थाने का दरोगा अभिषेक सोनकर सस्पेंड कर दिया गया। परीक्षा केंद्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच में दरोगा सॉल्वर को ले जाते हुए दिखा था। इससे साफ हो गया कि दरोगा ने वसूली करके सॉल्वर को छोड़ दिया। पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थी और सॉल्वर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पूरे मामले जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी खुद जांच कर रहे हैं।
CCTV में दरोगा सॉल्वर को ले जाते दिखा
आवास-विकास कल्याणपुर स्थित अनजिप टेक्नोलॉजी में 26 जुलाई को एसएससी एमटीएस की परीक्षा थी। चेकिंग के दौरान फोटो से संदेह होने पर केंद्र व्यवस्थापक राजीव मिश्रा ने गाजीपुर निवासी अभिषेक राय को पकड़ा लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर वह टूट गया। उसने बताया कि वह प्रयागराज के फूलपुर निवासी लवकुश प्रजापति की जगह पर परीक्षा देने आया था। केंद्र व्यवस्थापक की सूचना पर पहुंची पुलिस उसे हिरासत में लेकर चली गई। मंगलवार देर रात पता चला था कि पुलिस ने अभिषेक को छोड़ दिया। एसीपी कल्याणपुर दिनेश शुक्ला ने सेंटर पर लगे सीसीटीवी की जांच की तो पुलिस सॉल्वर को ले जाते हुए दिखी।
पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने मामले की जांच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी को सौंपी है। प्राथमिक जांच में दरोगा की लापरवाही सामने आने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
थानेदार की भूमिका संदिग्ध, पूरे मामले की थी जानकारी
सॉल्वर को छोड़ने के मामले में एसओ समेत कई और पुलिसकर्मी जांच की जद में हैं। आशंका है कि इनकी भी भूमिका इसमें रही है। हैरानी की बात ये है कि करतूत उजागर होने के बाद पुलिसकर्मी केंद्र व्यवस्थापक पर दबाव बनाने के लिए मुंह न खोलने की धमकी देने लगे। जब उच्चाधिकारियों ने फटकार लगाई तब वह खामोश हुए। मामले में कुछ ऐसी जानकारी सामने आ रही है, जिससे आशंका है कि सॉल्वर पुलिस के लिए वसूली का जरिया बन गए हैं। पहले भी ऐसी करतूत की गई है।
केंद्र व्यवस्थापक को पुलिस ने धमकाया
परीक्षा केंद्र प्रभारी ने बताया कि उन्होंने गाजीपुर के सॉल्वर अभिषेक राय को पकड़कर रावतपुर पुलिस को दिया था। थाने के दरोगा अभिषेक सोनकर ने रुपए लेकर सॉल्वर को छोड़ दिया। मामला अफसरों तक पहुंचने पर रावतपुर थानेदार समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने धमकाया। कहा कि अभी भी समय है अपनी तहरीर बदल दो। लिख दो कि सेंटर के बाहर से मौका पाकर अभ्यर्थी भाग निकला था। नहीं तो तुम्हें ही जेल जाना पड़ेगा। इससे परीक्षा केंद्र प्रभारी सकते में आ गए थे, लेकिन मामले की जांच कर रहे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने बात की तो परिवार शांत हुआ।
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