ग्राउंड रिपोर्टकानपुर हादसे में मरने वालों के परिवार का दर्द:जिसकी खुशी में शामिल होने गए, उसी ने दिए जख्म; मिला तो छोड़ेंगे नहीं

कानपुर8 महीने पहले
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कानपुर हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। सभी का रविवार दोपहर अंतिम संस्कार कर दिया गया। 10 घायल हैलट अस्पताल में भर्ती हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी घायलों से मिलने अस्पताल गए और उनका हालचाल लिया। इससे पहले, रातभर घाटमपुर तहसील के भीतरगांव CHC में शवों का पोस्टमॉर्टम चला। 26 लाशों के पोस्टमॉर्टम के लिए 10 डॉक्टरों की टीम को लगाया गया था। पोस्टमॉर्टम के बाद एक-एक करके सुबह 4 बजे तक शवों को कोरथा गांव लाया गया।

हादसे में 13 महिलाओं और 13 बच्चों की मौत हुई। बच्चों का दफनाया गया, जबकि महिलाओं का अंतिम संस्कार किया गया।
हादसे में 13 महिलाओं और 13 बच्चों की मौत हुई। बच्चों का दफनाया गया, जबकि महिलाओं का अंतिम संस्कार किया गया।

भास्कर टीम सुबह ही कोरथा गांव पहुंच गई थी। पढ़िए वहां से रिपोर्ट...
300 घरों के इस गांव में एंट्री करते ही भीड़ के बावजूद सन्नाटा, और फिर सिर्फ रोने और चीखने की आवाजें आ रही हैं। 8 घरों के बाहर लाशें रखी हुई थीं। गांव में रहने वाले रामदुलारे का घर भी इनमें से एक है। उनके घर के बाहर 6 लाशें रखी थीं। हादसे में उनकी पत्नी लीलावती (45), बेटी मानिशा (15) बेटा रोहित (11), मां फूलमती (70), उनके भाई की पत्नी जयदेवी (45) और भतीजे पंकज (6) की मौत हो गई। गांव में एक जगह 26 शवों के लिए अर्थियां तैयार की जा रही थीं। उधर, हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए।

खबर में पोल है। आगे बढ़ने से पहले आप इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

सबसे पहले पढ़िए हादसे की वजह...प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

गांव में हर तरफ से आई अर्थियां अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर राखी हुईं।
गांव में हर तरफ से आई अर्थियां अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर राखी हुईं।

"शराब पीकर गाड़ी चला रहा था, छोड़ेंगे नहीं"
हादसे में बचने वालों में गांव का वीरेंद्र भी है। वह जबरदस्त गुस्से में है। वह ट्रैक्टर-ट्राली में बैठा हुआ था। वीरेंद्र कहते हैं, "जिस राजू निषाद के बच्चे का मुंडन था। बेटा एक साल का हो रहा था। उसी ने उन्नाव बक्सर के चंद्रिका देवी मंदिर में मुंडन संस्कार का आयोजन किया था। वही शराब पीकर ट्रैक्टर चला रहा था। अंधी रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। राजू ने उन्नाव में मंदिर जाने के दौरान शराब पी थी। फिर लौटते हुए भी चाय-नाश्ते के लिए गाड़ी रोकी थी। तब दोबारा शराब पी थी। मना करने के बावजूद ट्रैक्टर वही चला रहा था।"

फतेहपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी कोरथा गांव पहुंचीं। एक साथ इतनी लाशों को देखकर वो रो पड़ीं। उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाया।
फतेहपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी कोरथा गांव पहुंचीं। एक साथ इतनी लाशों को देखकर वो रो पड़ीं। उन्होंने महिलाओं को ढांढस बंधाया।

वह आगे कहते हैं, "साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच रास्ते में गड्‌ढा था। अचानक सामने से बाइक भी आ गई। ट्रैक्टर तेज रफ्तार में था। राजू काबू नहीं रख सका। फिर जाने राजू को क्या हुआ, एक तरफ ट्रैक्टर-ट्राली पलटाने लगा। महिलाएं और बच्चे तालाब में गिर गए। मगर ड्राइवर राजू बच गया है। वह वहां से भाग गया। अगर मिल गया तो छोड़ेंगे नहीं, मार डालेंगे...। राजू शराब न पीता, तो शायद हादसा ही नहीं होता।''

गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। विलाप करती हुई महिलाओं को संभाला जा रहा।
गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ है। विलाप करती हुई महिलाओं को संभाला जा रहा।

गांव में सिर्फ राजू की बात, सब उसको जिम्मेदार ठहरा रहे
हादसे का मुख्य आरोपी यानी ट्रैक्टर चला रहा राजू निषाद मौके से भाग निकला। जबकि उसकी पत्नी ज्ञानदेवी गंभीर हालत में हैलट में भर्ती है। हादसे के बाद से गांव के लोगों में राजू के प्रति जबरदस्त गुस्सा है। हादसे में किसी ने अपनी पत्नी को खो दिया, तो किसी के बच्चे अनाथ हो गए। किसी के परिवार का इकलौता चिराग ही बुझ गया। पूरे गांव में मातम है। हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम था कि राजू की गलती से यह सब हुआ है। मिल जाए, तो उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे। पुलिस की एक टीम भी राजू को तलाशने के लिए लगा दी गई है। राजू के खिलाफ FIR भी दर्ज की जाएगी।

गांव में मातम देखकर बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ी गई। उसे एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गांव में मातम देखकर बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ी गई। उसे एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया।

गांव के एक भी घर में नहीं जला चूल्हा
दिल दहला देने वाले हादसे में गांव में 8 परिवारों के अपनों की मौत हुई है। सुबह 4.30 बजे तक पोस्टमॉर्टम के बाद शवों को गांव लाया गया। रात में गांव के एक भी घर में चूल्हा नहीं जला। जैसे-जैसे सभी शव पहुंचते गए, हर तरफ गम, गुस्सा और चीत्कार मची हुई थी। हर कोई अपने के बिछड़ने की बात को विश्वास नहीं कर पा रहा था। कोई लिपट कर रोता दिखा, तो कोई तो कोई यह कह रहा था कि बेटा एक बार आंख खोल दो बस...अम्मा देखो इंतजार कर रही है। हम लोग दशहरा मेला देखने चलेंगे...।

घायलों को संभालने के लिए भी गांव के लोग CHC पहुंचे हैं। गंभीर घायल हैलट भेजे गए हैं।
घायलों को संभालने के लिए भी गांव के लोग CHC पहुंचे हैं। गंभीर घायल हैलट भेजे गए हैं।

राजू निषाद की बेटी की मौत, पत्नी हॉस्पिटल में भर्ती
राजू के दो बेटियों के बाद बेटा हुआ था। पत्नी ज्ञानवती ने डेढ़ साल पहले मन्नत मांगी थी कि बेटा होने पर चंद्रिका देवी आएंगे। बेटा हुआ, तो उन्होंने नवरात्र में मुंडन संस्कार कराने की तैयारी की थी। मगर, हादसा होने के बाद वही 7 महीने का बेटा अभि हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती है। वहीं, ज्ञानवती ने अपनी बेटी दीया और सास को हादसे में खो दिया है।

घाटमपुर से एंबुलेंस में लाई गई रामवती और ज्ञानवती।
घाटमपुर से एंबुलेंस में लाई गई रामवती और ज्ञानवती।

ज्ञानवती की बहन रामवती की बेटी रचना की भी हादसे में मौत हो गई है। उसके परिवार में अन्य 3 बहनों की भी मौत हो चुकी है। ज्ञानवती के परिवार के 12 लोगों की मौत हुई है। हादसे के बाद परिवार पूरी तरह टूट चुका है और बदहवास है। ज्ञानवती ने बताया कि मेरे पति राजू का कोई पता नहीं है। जब ट्राली पलटी, तो लगा कि कुछ के हाथ-पैर टूटे होंगे। नहीं जानती थी कि इतने लोगों की मौत हो जाएगी। यहां पढ़ें पूरी खबर..

  • हैलट अस्पताल में भर्ती लोगों से रिपोर्टर रवि पाल ने बातचीत की। पढ़िए मरीजों की जुबानी...

ट्राली एक तरफ झूकने लगी, फिर हम बच नहीं पाए

लक्ष्मी कहती हैं शुरू में तो समझ नहीं पाए हुआ क्या, फिर सब पानी में डूबने लगे।
लक्ष्मी कहती हैं शुरू में तो समझ नहीं पाए हुआ क्या, फिर सब पानी में डूबने लगे।

लक्ष्मी उसी ट्राली पर थीं, जिसके पलटने से हादसा हुआ। हैलट इमरजेंसी में उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि रात का वक्त था। राजू ट्रैक्टर-ट्राली चला रहा था। पीछे हम महिलाएं गीत गा रहे थे। राजू इससे पहले ढाबे पर रुका था। कुछ महिलाएं कह रही थीं कि उसने शराब पी थी। वह खुश था। फिर वह ट्रैक्टर भी चलाने लगा। जो मर्द आगे बैठे थे, उन्होंने मना भी किया था, मगर वह नहीं माना।

रात करीब 8 बजे होंगे, गांव सिर्फ 5 किमी ही रह गया था। स्पीड ब्रेकर के धोखे में अचानक उसने ब्रेक मारा। फिर ट्राली एक तरफ झुकने लगी। हम लोग पानी में गिर पड़े। ट्राली हमारे ऊपर थी। बच भी नहीं पाए। कुछ लोग पानी से बाहर की तरफ तैर रहे लोगों के पैर पकड़कर बच सके। लेकिन बहुत से लोग डूब ही गए।

राजू को गांव में घुसने नहीं देंगे, उसने सब बर्बाद कर दिया

शिवेंद्र कहते हैं कि जब पहुंचे, तो लोग डूब रहे थे। कुछ को ही बचा पाए।
शिवेंद्र कहते हैं कि जब पहुंचे, तो लोग डूब रहे थे। कुछ को ही बचा पाए।

हैलट अस्पताल में मौजूद कोरथा गांव के शिवेंद्र ने कहा कि मेरी बहन की इस हादसे में मौत हो गई। दूसरी बहन का इलाज यहां चल रहा है। मेरे पास कल रात करीब 7.15 बजे फोन आया कि हादसा हुआ है। हम दौड़कर घटनास्थल पहुंचे, लेकिन तब तक करीब 20 लोग मर चुके थे। मैं जब पहुंचा, तो वहां लोग चिल्ला रहे थे। ट्राली के नीचे कुछ लोग फंसे हुए थे। ये लोग आखिर तक बचाए नहीं जा सके। अब ऐसा लगता है कि राजू को गांव में घुसने नहीं देना चाहिए। उसने पूरा गांव बर्बाद कर दिया।

हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
ADC कानपुर भानु भास्कर ने बताया कि हादसे की वजह क्या थी, यह जानने के लिए मजिस्ट्रेट जांच का आदेश किया गया है। जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी। इसी आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अब वह हादसा पढ़ते हैं, जिसमें 26 की मौत हुई?

कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील में गांव है कोरथा। यहां रहने वाले राजू निषाद के बेटे का मुंडन था। उनको उन्नाव के चंद्रिका देवी मंदिर में मुंडन कराना था। वह गांव के करीब 50 लोगों के साथ ट्रैक्टर ट्राली से सुबह मंदिर के लिए आए। यहां मुंडन हुआ। इसके बाद लौट रहे थे। तभी साढ़ तहसील के पास शनिवार रात 50 श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली तालाब में गिर गई। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। ट्रैक्टर ट्राली में बैठे पुरुष और युवक तो तालाब से निकल आए। लेकिन, महिला और बच्चियां डूब गईं। हादसे में जिन 26 की मौत हुई है, उसमें 13 महिलाएं और 13 पुरुष हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें..

हादसे के बाद आस-पास के लोगों ने ट्राली के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला। ज्यादातर लोगों की मौत ट्राली के नीचे दबने और पानी में दम घुटने की वजह से हुई।
हादसे के बाद आस-पास के लोगों ने ट्राली के नीचे दबे लोगों को बाहर निकाला। ज्यादातर लोगों की मौत ट्राली के नीचे दबने और पानी में दम घुटने की वजह से हुई।
हादसे के बाद रात करीब 12:30 SDRF की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम में शामिल तीन लोगों ने तालाब में उतर कर खोजबीन की।
हादसे के बाद रात करीब 12:30 SDRF की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम में शामिल तीन लोगों ने तालाब में उतर कर खोजबीन की।
ये वही ट्रैक्टर-ट्राली है, जो तालाब में गिरी थी। इसी पर सवार होकर लोग मुंडन कराने गए थे। घर लौटते वक्त यह सड़क से उतर कर तालाब में पलट गया था।
ये वही ट्रैक्टर-ट्राली है, जो तालाब में गिरी थी। इसी पर सवार होकर लोग मुंडन कराने गए थे। घर लौटते वक्त यह सड़क से उतर कर तालाब में पलट गया था।

कानपुर हादसे की आंखों देखी: अचानक सामने से एक गाड़ी आई, ट्रैक्टर ट्रॉली पलट गई

कानपुर के घाटमपुर में शनिवार रात 50 श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली तालाब में गिर गई थी। हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे से मौके पर चीख पुकार मच गई। जो बचे हुए लोग थे, वह गांव की तरफ मदद लाने के लिए दौड़ गए। गांव से ग्रामीण दो ट्रैक्टर लेकर आए। लगभग 100 से 50 आदमी भी वहां पर आ गए। यहां पढ़ें पूरी खबर..

लखनऊ में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से 10 की मौत हो गई थी

इससे पहले लखनऊ में भी ऐसी ही घटना हुई थी। ट्रैक्टर-ट्राली के तालाब में गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। SDRF और पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन में 36 लोगों को बचा लिया गया। जबकि 10 लोग की जान नहीं बचाई जा सकी। मरने वालों में 8 महिलाएं और 2 बच्चे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली में पीछे से टक्कर मार दी। इसकी वजह ट्रैक्टर-ट्राली कच्ची मिट्‌टी की तरफ उतर गया। ड्राइवर ट्रैक्टर नहीं संभाल सका और बगल के तालाब में ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई। इसके बाद चीख-पुकार मच गई। यहां पढ़ें पूरी खबर..