सूबे में कोरोना की दूसरी लहर लगभग समाप्त हो चुकी है। लेकिन संभावित तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। इसी के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार चाहती है कि प्रदेशवासियों का टीकाकरण दिसंबर और तीसरी लहर से पहले हो जाये। इसके लिए सीएमओ ऑफिस से निर्देश भी जारी किये गए है और साथ ही अब वैक्सीन की अधिक डोज उपलब्ध करायी जा रही हैं।
पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन मिल रही है...
अपर निदेशक हेल्थ डॉ जीके मिश्रा की, टीकाकरण की रफ़्तार में तेजी के लिए सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ा दी है। इससे पहले शहर को वैक्सीन कम मात्रा में मिल रही थी। जिसकी वजह से कई जगह लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही थी।
टीकाकरण के लिए शहर के मुकाबले ग्रामीण लोग ज्यादा जागरूक...
डॉ जीके मिश्रा ने आगे बताया, हम लोग ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण को लेकर काफी चिंतित थे, क्योंकि शुरुआत में जब हमारी टीम ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए जागरूक करते थे तो वह लोग हमारी टीम को भगा दिया करते थे, लेकिन अब शहर इलाकों के मुकाबले ग्रामीणों में टीकाकरण की होड़ ज्यादा देखने को मिल रही है। ग्रामीण इलाकों में लोगों की भीड़ पहुंच रही है टीकाकरण करवाने के लिए, ग्रामीण लोग काफी जागरूक हो गए है।
लक्ष्य दिसंबर से पहले सबका टीकाकरण...
मिले आदेश के अनुसार दिसंबर तक प्रदेश के सभी लोगों को कम से काम पहली डोज लग जानी चाहिए, लेकिन हम लोग यह लक्ष्य नवंबर अंत तक पूरा कर लगे। साथ ही दिसंबर तक ग्रामीण इलाकों के हर एक व्यक्ति को पहला डोज लग चुका होगा, यह बात कानपुर के अपर निदेशक हेल्थ डॉ जीके मिश्रा ने बताई।
चल रहे महाअभियान में 44 वर्ष के ऊपर वाले है टारगेट...
प्रदेश में चल रहे टीकाकरण के महाअभियान के अंतर्गत जिन 44 साल से ऊपर वालों ने टीकाकरण नहीं करवाया है उनको वैक्सीन के लिए मोटीवेट करके उनका टीकाकरण करवाना भी विभाग का लक्ष्य है। देखा जाए तो पहली और दूसरी लहर में अब तक जितनी भी मौतें हुई है उनमें ज्यादातर लोग 44 से ऊपर वाले ही थे। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग का टारगेट 44 साल के ऊपर वालों को काम से काम पहला डोज लगवाना है। साथ ही 44 साल के ऊपर वाले लोग जो अपना दूसरा डोज नहीं लगा पाए है या भूल गए है उन्हें भी दूसरी डोज के लिए इंटीमेट करना हमारा लक्ष्य है।
घर घर जाकर वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती...
कोरोना की वैक्सीन घर घर जा कर लगाना संभव नहीं है जो पल्स पोलियो में संभव था। नियमावली के तहत ही टीकाकरण हो सकता है। घर घर जा कर इंजेक्टेबल नहीं कर सकते। हम ग्रामीण इलाकों में आस पास के कम्युनिटी हॉल,पंचायत हॉल प्राथमिक विद्यालयों का प्रयोग कर रहे हैं। क्लस्टर एप्रोच के चलते टीमें ऐसे स्थानों पर टीकाकरण कर रही हैं।
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