कोरोना संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। तीसरी लहर शहर में अपनी दस्तक दे चुकी है और लोगों ने सावधानी बरतने के साथ सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इसी तीसरी लहर से लड़ने के लिए आईआईटी कानपुर के ऑक्सीजन प्लांट और कंसंट्रेटर भी लोगों की जान बचाने के लिए तैयार हैं। आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटर कंपनियों ने देश की जनता को बचाना के लिए काम शुरू कर दिया है। उन्होंने वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर, छोटे कॉम्पैक्ट ऑक्सीजन कैन बड़ी मात्रा मई बनाने शुरू कर दिए है।
दूसरी लहर को देखते हुए शुरू किया काम...
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के बाद आईआईटी ने मिशन भारत ऑक्सीजन की शुरुआत की थी। इसके तहत आईआईटी ने कानपुर समेत देश में 10 ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं, जो 6000 एलपीएम से ऑक्सीजन जनरेट करेगा। वहीं, 100 पीएचसी को कंसंट्रेटर भी दिए गए हैं।
90 दिनों के अंदर आईआईटी ने लगाया प्लांट...
आईआईटी ने मिशन भारत ऑक्सीजन अभियान के तहत नए इनोवेटर्स के साथ इन्वेस्टर्स को इनवाइट किया था। इसके बाद सबसे सस्ती व अत्याधुनिक कंसंट्रेटर और प्लांट की डिजाइन तैयार की गई। वो भी सिर्फ 90 दिनों में तैयार प्लांट व कंसंट्रेटर का लाभ समाज के लोगों को मिल सके, इसके लिए दस स्थानों (कानपुर, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, नुह-हरियाणा, फरीदाबाद-हरियाणा, भोपाल, हसन-कर्नाटक, मैसूर-कर्नाटक, कौशांबी, मोतिहारी-बिहार) पर प्लांट लगाए गए।
आईआईटी के ऑक्सीजन प्लांट...
कानपुर में जेएल रोहतगी अस्पताल में आईआईटी ने ऑक्सीजन प्लांट लगाया है। तीसरी लहर से पहले आईआईटी की टीम ने सभी प्लांट का निरीक्षण भी कर लिया है। आईआईटी के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर से जुड़े राहुल पटेल ने बताया कि सभी ऑक्सीजन प्लांट पूरी तरह क्रियाशील हैं और जरूरत पड़ने पर इलाज में मददगार साबित होंगे। वहीं 100 कंसंट्रेटर को छोटे-छोटे गांव के पीएचसी को दिया गया है, जिससे इमरजेंसी में प्रयोग हो सके।
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