कानपुर IG मोहित अग्रवाल ने इटावा में तैनात राजद्रोह के आरोपी दरोगा विजय प्रताप को बर्खास्त कर दिया। विजय पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। इसके साथ ही गौतमबुद्ध और आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने पर ड्यूटी छोड़कर भाग खड़ा हुआ था। बाद में बड़ा बवाल हुआ था।
इसी तरह दरोगा पर अलग-अलग मामलों में पांच एफआईआर दर्ज हुई और जांच में सभी आरोप सही पाए गए। अनुशासनहीनता पर दरोगा को IG ने जांच-पड़ताल और सुनवाई के साथ ही साक्ष्यों के आधार पर नौकरी से निकाल दिया है।
साल 2019 में इटावा में तैनाती के दरोगा विजय का पुलिस लाइन के एक अधिकारी से मनमुटाव हो गया था। तब उसे बिठौली थाने में जॉइनिंग मिली थी। लेकिन जाने के लिए गाड़ी नहीं दी गई। इससे नाराज होकर दरोगा विजय ने दौड़ लगाते हुए 60 किमी दूर स्थित बिठौली थाने में जॉइन करने का फैसला कर लिया था। लेकिन 40 किमी. दौड़ के बाद वह बेहोश हो गया था।
दरोगा पर दर्ज मामलों की सूची
एक दिन में तीन मामले दर्ज हुए थे
IG मोहित अग्रवाल ने बताया कि इटावा एसएसपी ने बर्खास्तगी की रिपोर्ट आईजी को भेजी थी। दरोगा पर आपराधिक मामले बेहद गंभीर हैं। आरोपी के खिलाफ अहम साक्ष्य भी उपलब्ध हैं। इसलिए विभागीय कार्रवाई व जांच पूरी कर उसको बर्खास्त कर दिया गया है।
ट्रेनिंग के दौरान ही दरोगा को मिला था पहला दंड
विजय प्रताप 2015 बैच का दरोगा हैं। ट्रेनिंग के दौरान पुलिस ट्रेनिंग सेंटर मुरादाबाद में ही वह अनुशासनहीनता में आईजी पीटीसी ने दंडित किया था। अब जांच के दौरान सभी पांच मुकदमे में लगाए गए आरोप सही पाए गए और सभी में चार्जशीट दाखिल हुई थी।
दरोगा पर 5 प्रमुख आरोप और FIR
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